- कोर्ट ने 15 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा, कई और आ सकते हैं गिरफ्तारी के लपेटे में
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हमीरपुर । भंग हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सचिव एचएएस अधिकारी जितेंद्र कंवर को एक बार फिर विजिलेंस ने गिरफ्तार किया है। उनकी गिरफ्तारी पहले से दर्ज 5/22 एक अन्य मामले में हुई है। काबिले गौर यह है कि इसी साल 4 अप्रैल को भी जितेंद्र कंवर को गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था। लेकिन अब जिस मामले में उनकी गिरफ्तारी दोबारा हुई है, उसमें कई और गिरफ्तारियां भी बहुत जल्दी होने की विजिलेंस संभावना जता रहा है।
कंवर आयोग में सचिव के अलावा परीक्षा नियंत्रक और भर्ती रिकॉर्ड के कस्टोडियन भी थे। इस मामले में 23 दिसंबर 2022 को हमीरपुर विजिलेंस थाना में एफआईआर दर्ज हुई थी। पहली एफआईआर में निलंबित वरिष्ठ सहायक उमा आजाद, उसका बेटा नितिन, दलाल संजीव समेत आठ लोग आरोपी बनाए गए थे।
अभी तक 12 मामले हो चुके हैं दर्ज;
आयोग की जांच में अब तक कल 13 मामले दर्ज हो चुके हैं इनमें कुल मिलाकर अभी तक तीन लोग ज्यूडिशियल रिमांड पर ही हैं इनमें मुख्य आरोपी उमा आजाद उनका बेटा नितिन और एक अन्य रवि कुमार शामिल हैं।
पूछताछ के लिए बुलाया था;
एसआईटी ने डॉ. जितेंद्र कंवर को पूछताछ के लिए हमीरपुर विजिलेंस थाना बुलाया था। रात को ही उनकी गिरफ्तारी विजिलेंस ने की थी मंगलवार दोपहर बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। जिस मामले में उन्हें अब गिरफ्तार किया गया है वह मामला पहले से ही दर्ज है। लेकिन नए तथ्य सामने आने के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई है।
15 दिसंबर तक पुलिस रिमांड;
रात को हुई गिरफ्तारी के बाद जितेंद्र को आज न्यायालय में पेश किया गया उन्हें 15 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। अब पहले से ही दर्ज इस मामले में जितेंद्र को गिरफ्तार किया गया है। उसमें कई राज खुलने की संभावना जताई जा रही है अभी तक कमर को पहले गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा किया गया था। लेकिन अब का मामला ज्यादा संगीन है और इसमें पेपर स्कैम मामले में कई खुलासे होने की बात कही जा रही है।
20 फरवरी को चालान पेश हो चुका;
एसआईटी इस मामले में 20 फरवरी 2023 को हमीरपुर न्यायालय में चालान पेश कर चुकी है।
विजिलेंस एसपी राहुल नाथ का कहना है कि गिरफ्तारी रात को ही हो गई थी। कोर्ट ने आरोपी को 15 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा है।
छह साल से चयन आयोग में सेवारत थे डॉ. कंवर
जितेंद्र कंवर सचिव के पद पर वर्ष 2017 से दिसंबर 2022 तक सेवारत रहे हैं। इस दौरान करीब 600 पोस्ट कोड से अधिक की भर्ती परीक्षाओं का आयोजन किया गया।
एसआईटी के पास ढाई दर्जन से अधिक भर्तियों की शिकायतें आई हैं, जिनकी जांच चल रही है। आयोग के माध्यम से आयोजित अन्य कई भर्तियां संदेह के दायरे में हैं। इसी वजह से सरकार के ऐलान के बावजूद भी आयोग वहाल नहीं हो पाया है। भर्तियों का सिलसिला लगातार अटका पड़ा है।
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