रोहतक। राम रहीम रोहतक जेल क्या पहुंचे, अन्य कैदियों का जीना दूभर हो गया है। ना उन्हें बाहर घूमना दिया जा रहा है और ना ही किसी को फोन करने दी जा रही है। यहां तक की कैदियों को पेशी के लिए भी नहीं ले जाया जा रहा है। अदालत ने उनकी पेशी की तारीख आगे बढ़ा दी है। राम रहीम जब से जेल पहुंचा है काफी बेचैन है। खाना भी बहुत कम खा रहा है। जिस दिन उसे सजा सुनाई गई उस दिन तो उसकी हालत इतनी खराब थी कि जेल के कर्मचारी सेल तक उसे पकड़ कर लाए थे। यह सब कुछ बताया है रोहतक जेल से जमानत पर रिहा हुए डॉ. स्वदेश किराड़ ने। किराड़ 9 महीने से जेल में बंद थे और 29 अगस्त को जमानत पर रिहा हुए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
किराड़ ने बताया कि जिस बैरेक में वह बंद थे, उसी के साथ लगती सेल में राम रहीम को रखा गया है। जेल में राम रहीम को सात तालों के भीतर रखा गया है। दो नंबरदार (सहयोगी) दिए गए है और सेल में अकेले ही रखा है। किसी अन्य कैदी से मिलने की इजाजत नहीं है। जब उसे जेल लाया गया, एक बैरक खाली कराई गई थी। ऐसा लगता है कि राम रहीम के लिए जेल में ही दूसरी जेल बना दी गई है। जेल की तरफ से राम रहीम को दो कंबल दिए है। वह पत्थर के बिस्तर पर सोता है। शुरूआत से ही बेचैन है। न ठीक से सो पा रहा है, न खा रहा है। रो रहा है और चिल्ला रहा है, साथ ही बार-बार हन्नीप्रीत को याद कर रहा है।
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