उन्होंने बताया कि अब तक इस समिति की नौ बैठकें हुई हैं। समन्वय समिति की
पहली बैठक में बताया गया था कि इस मुद्दे पर सफलता तभी हासिल होगी, जब
उद्योग जगत खुद आगे बढक़र पहल करे। समिति ने हालांकि जब निजी क्षेत्र में
आरक्षण दिए जाने के संबंध में उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से चर्चा की तो
उनका कहना था कि आरक्षण समस्या का समाधान नहीं है।
इसके लिए वे अपने स्तर
से एससी-एसटी के लिए मौजूदा भर्ती नीति में वृद्धि करने, सरकारी और अन्य
एजेंसियों के साथ भागीदारी करने के साथ कौशल विकास और प्रशिक्षण को
प्रोत्साहित करने को ज्यादा उपयुक्त मानते हैं। समिति की नौवीं बैठक में
उद्योग संघों से अनुरोध किया गया था कि वे अपने यहां ट्रेनी स्टाफ की
नियुक्ति में कम से कम 25 प्रतिशत स्थान एससी-एसटी वर्ग के लोगों को देंगे।
(IANS)
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