नई दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने शुक्रवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट को चुनाव बाद कॉर्पोरेट इंडिया व विदेशी वित्तीय हितकारकों को दिया गया 'वापसी उपहार' बताया। माकपा के एक बयान में कहा गया, "बजट और भाषण (वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का) कई वादों और प्रतिबद्धताओं से भरा हुआ है, जिससे बड़े कार्पोरेट पूंजीपतियों और धनवानों को भारतीय अर्थव्यवस्था पर अपनी पकड़ मजबूत करने और भारतीय अर्थव्यवस्था के अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय बाजारों के साथ अधिक एकीकरण को बढ़ावा देने में मदद करेंगे।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
माकपा ने कहा, "भारत के मेहनतकश लोगों- किसानों व मजदूरों के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं है। उन्हें रोजगार व आजीविका के कम होते अवसरों की दुनिया में छोड़ दिया गया है।"
कहा गया, "वित्तमंत्री का भाषण कॉर्पोरेट हितैषी सुधारों की लंबी फेहरिश्त थी।"
आगे कहा गया कि इसमें भारतीय अर्थव्यवस्था को विदेशी निवेश के लिए खोलना व प्रत्यक्ष निवेश (पेंशन सेक्टर सहित), राजमार्गो के लिए वित्तीय लेन-देन वाला मॉडल बनाना, विभिन्न क्षेत्रों में पीपीपी को बढ़ावा देना शामिल है, जिसमें रेलवे व मेट्रो के विकास की बात भी है।
--आईएएनएस
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