सुमित्रा महाजन 16वीं लोकसभा में लोकसभा अध्यक्ष थीं और इस बार वह
चुनाव नहीं लड़ीं।
वर्ष 2014 में वह लोकसभा के लिए आठवीं बार चुनी गईं। वह मध्यप्रदेश की
इंदौर सीट से 1989 से जीतती रही हैं। केंद्रीय मंत्री के रूप में उन्होंने
मानव संसाधन, संचार और पेट्रोलियम मंत्रालय का कामकाज संभाला था।
हुकुमदेव
नारायण यादव पांच बार सांसद बने। सोशलिस्ट नेता के साथ ही उन्हें अच्छे
वक्ता के रूप में जाना जाता है। वह लोकसभा में पहली बार 1977 में पहुंचे
थे। वह बिहार के मधुबनी का प्रतिनिधित्व करते थे। इस बार वह चुनाव नहीं
लड़े।
देवेगौड़ा पिछले तीन दशक से कर्नाटक की मुखर आवाज के रूप में संसद में अपनी
उपस्थिति दर्ज कराते रहे। लेकिन इस बार वह तुमकुर से चुनाव हार गए। वह
1991 में हासन सीट से संसद पहुंचे थे।
16वीं
लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के सदन के नेता खड़गे ने मनमोहन सिंह सरकार में
कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली। वह गुलबर्ग सीट भाजपा उम्मीदवार उमेश
जी. जाधव से 95 हजार से अधिक वोटों से चुनाव हार गए।
कांग्रेस के युवा चेहरा सिंधिया पहली बार चुनाव हारे हैं। उन्हें कांग्रेस
अध्यक्ष राहुल गांधी का करीबी माना जाता है।
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