लेकिन मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) पोलित ब्यूरो नेता सलीम का मानना
है कि 46 दिनों की वह बंदी 2020 के मुकाबले कम खतरनाक थी। इस पर सवाल किए
जाने पर सलीम ने आईएएनएस को बताया कि किसी ने सीताराम येचुरी को उस तरह
नहीं पीटा था जिस तरह आइशी घोष की पिटाई की गई है।
इंदिरा गांधी ने उस समय
दिल्ली पुलिस का उपयोग नहीं किया था, जिस प्रकार आज मौजूदा सरकार कर रही
है। हालांकि वामदल नेता मौजूदा राजनीतिक बाध्यता से प्रेरित हैं क्योंकि
1980 में न सिर्फ तत्कालीन जेएनयू प्रेसीडेंट को पुलिस ने हिरासत में लिया
बल्कि व्यापक पैमाने पर शिकंजा कसा गया था।
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