नई दिल्ली। चंद्रयान-2 मंगलवार सुबह चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो गया और इसके साथ ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के नाम एक और बड़ी उपलब्धि हो गई। चंद्रयान-2 आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित प्रक्षेपण केंद्र से 22 जुलाई को प्रक्षेपित किया गया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अब इसरो कक्षा के अंदर स्पेसक्रॉफ्ट की दिशा में चार बार (21, 28, 30 अगस्त, 1 सितंबर) और परिवर्तन करेगा। इसके बाद यह चंद्रमा के ध्रुव के ऊपर से गुजरकर उसके सबसे करीब 100 किलोमीटर की दूरी की अपनी अंतिम कक्षा में पहुंच जाएगा। फिर विक्रम लैंडर, 2 सितंबर को चंद्रयान-2 से अलग होकर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।
इसरो ने बताया कि चंद्रमा की सतह पर 7 सितंबर को लैंडर से उतरने से पहले धरती से दो कमांड दिए जाएंगे, ताकि लैंडर की गति और दिशा सुधारी जा सके और वह सतह पर हल्के से उतरे। चंद्रयान-2 को 22 जुलाई को धरती पर से अंतरिक्ष में रवाना किया गया था।
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