नई दिल्ली | राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने अदाणी विवाद पर 15 सदस्यों के कार्य स्थगन नोटिस के निलंबन को खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि उनके फैसले की लगातार अवहेलना की गई है। धनखड़ ने कहा, संसदीय लोकतंत्र नियमों के अधार पर चलता है। एक बार फैसला दिए जाने के बाद उस पर सवाल नहीं उठाया जा सकता, क्योंकि इसके लिए संहिताबद्ध नियम हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा, मेरे फैसले की लगातार अवहेलना की गई है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को 14 अन्य सदस्यों के साथ बाजार मूल्य खोने वाली कंपनियों में एलआईसी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा निवेश के मुद्दे पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत कार्यस्थगन का नोटिस दिया।
अदाणी समूह के खिलाफ लगातार दूसरे दिन अमेरिका स्थित फर्म हिंडनबर्ग के आरोपों को लेकर दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित होने की बढ़ती संभावना के बीच नोटिस दिया गया।
इससे पहले दिन में, 16 विपक्षी दलों ने संसद में रणनीति बनाने के लिए संसद में खड़गे के कक्ष में एक बैठक में भाग लिया।
गुरुवार को भी विपक्ष के विरोध के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही धुल गई(आईएएनएस)
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