तपत्जुरी। एक उम्र में जब
बच्चे आम तौर पर खुद से चलना और चारों ओर छोटे-छोटे कदमों से दौड़ना शुरू
कर देते हैं, असम के एक गांव तपत्जुरी का अमजद जब दो साल का था तो उसकी मां
उसे छड़ी के सहारे चलाती थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अमजद के पैर टढ़े थे जो 'स्केलेटल
फ्लोरोसिस' रोग का एक सामान्य लक्षण है और इस वजह से उसे खुद को संभालने के
लिए संघर्ष करना पड़ता था और अपने दो साल के बच्चे की इस लाचारी से आहत
मां को हर वक्त अमजद पर निगाह रखनी पड़ती थी।
इस गांव में अमजद
अकेला इस समस्या से ग्रसित बच्चा नहीं है। दुर्भाग्य से तपत्जुरी के लगभग
हर घर के बच्चे और वयस्क फ्लोरोसिस के किसी न किसी रूप से प्रभावित हैं,
जिसके लिए यहां का पानी जिम्मेदार है।
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