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दुनिया का एक ऐसा द्वीप जहां डिमेंशिया मरीज न के बराबर, वजह जान हैरान हो जाएंगे आप?

There is an island in the world where there are almost no dementia patients, you will be surprised to know the reason? - Health Tips in Hindi

नई दिल्ली । 2023 में न्यूरोएपिडेमियोलॉजी जर्नल में एक स्टडी प्रकाशित हुई। इस अध्ययन के अनुसार भारत की एक करोड़ से ज्यादा आबादी डिमेंशिया (मनोभ्रंश) से जूझ रही है। ये अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों में दर्ज आंकड़ों के बराबर है। वहीं 2022 में जर्नल लैंसेट पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित एक शोध का दावा है कि 2050 तक भारत में डिमेंशिया या मनोभ्रंश के मरीजों में 197 फीसदी की वृद्धि हो सकती है, जिससे देश में इस बीमारी से ग्रस्त मरीजों की तादाद 1 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगी। लेकिन दुनिया में एक ऐसा द्वीप भी है जहां डिमेंशिया मरीजों की संख्या न के बराबर है!
वैसे तो कई जीवनशैली विकल्प हैं जो मनोभ्रंश के जोखिम को कम कर सकते हैं - जिसमें एक अच्छा आहार, नियमित रूप से व्यायाम, सामाजिक रूप से मिलना-जुलना और अपने दिमाग को सक्रिय रखना शामिल है। लेकिन इसके अलावा भी एक आदत आपको बचा सकती है। हाल ही में किए गए शोध से पता चलता है कि एक ऐसा पेय पदार्थ है जो कुछ ही घूंट पीने से आपके जोखिम को कम कर सकता है। जापान में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि जो बुजुर्ग नियमित रूप से ग्रीन टी का सेवन करते हैं, उनके मस्तिष्क के सफेद पदार्थ (सेरिब्रल वाइट) को नुकसान कम होता है। इसको नुकसान कॉग्निटिव स्किल्स पर असर डालता है जो मनोभ्रंश का एक प्रमुख इंडिकेटर भी होता है।

दरअसल, शोधकर्ताओं ने लगभग 9,000 वयस्कों से उनकी कॉफी और चाय पीने की आदतों के बारे में एक प्रश्नावली भरने को कहा और उनके आंकड़ों का विश्लेषण करने के लिए ब्रेन स्कैनिंग का उपयोग किया।

हालांकि उन्हें इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि कॉफी का सेवन संज्ञानात्मक (कॉग्निटिव) गिरावट को रोक सकता है, लेकिन उनके परिणामों ने उन्हें इस निष्कर्ष पर पहुंचाया कि ग्रीन टी पीना - विशेष रूप से दिन में तीन या अधिक गिलास - मनोभ्रंश को रोकने में मदद कर सकता है।

ये निष्कर्ष पिछले अध्ययनों से मेल खाते हैं, जिसमें माना गया कि ग्रीन टी का सेवन आपको संज्ञानात्मक गिरावट से बचा सकता है। 2022 के मेटा-विश्लेषण से पता चला कि प्रत्येक एक कप ग्रीन टी से मनोभ्रंश का जोखिम 6% कम हो जाता है। एक अन्य हालिया अध्ययन से पता चला है कि प्रतिदिन दो से तीन कप ग्रीन टी पीने से संज्ञानात्मक गिरावट का जोखिम काफी कम हो जाता है - हालांकि चार कप या उससे अधिक पीने के बाद वही प्रभाव नहीं देखा गया।

शायद यही कारण है कि ग्रीन टी को ग्रीक द्वीप इकारिया के वृद्धों में मनोभ्रंश की समस्या न के बराबर होने का एक कारण माना जाता है। इसके पीछे का मुख्य कारण ग्रीन टी का एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होना है - विशेष रूप से एपिगैलोकैटेचिन गैलेट जैसे कैटेचिन - जिनमें सूजनरोधी और कोशिका-सुरक्षात्मक गुण होते हैं, जो संभावित रूप से कैंसर और स्ट्रोक के जोखिम को कम करते हैं।

ग्रीन टी का नियमित सेवन करने से दिल अच्छी तरह से काम करता है, जिसमें कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है और उच्च रक्तचाप में कमी आती है। इससे हृदय रोग और स्ट्रोक का जोखिम कम होता है। 2023 के एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग प्रतिदिन दो से चार कप ग्रीन टी का सेवन करते हैं, उनमें स्ट्रोक का जोखिम 24% तक कम हो जाता है।

--आईएएनएस

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Tags: dementia, island
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