नई दिल्ली । एक शोध में यह बात सामने आई है कि अपने वजन को कम करके मधुमेह रोगी फ्लू और अन्य गंभीर संक्रमणों से खुद को बचा सकते है।
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ब्रिटेन के एक्सेटर विश्वविद्यालय के रियान हॉपकिंस और एथन डीविलियर्स द्वारा किए गए अध्ययन में इस बात के प्रमाण मिले हैं कि हाई बॉडी मास इंडेक्स गंभीर संक्रमण का कारण है।
इसके विपरीत, डायबेटोलोजिया पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार इस बात का कोई सबूत नहीं है कि हल्का हाइपरग्लाइकेमिया गंभीर संक्रमण की संभावना में योगदान देता है।
हॉपकिंस ने कहा, ''मधुमेह से पीड़ित लोगों में से एक तिहाई लोग संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होते हैं। मधुमेह से पीड़ित लोगों की संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने की संभावना सामान्य आबादी की तुलना में दोगुनी होती है। उन्हें दोबारा अस्पताल में भर्ती होने का भी उच्च जोखिम होता है।''
पहले के शोधों में यह बात सामने आई है कि उच्च बीएमआई वाले मरीजों के रक्त में शुगर का स्तर ठीक से नियंत्रित नहीं होता, जिसके चलते उन्हें गंभीर संक्रमण होने का खतरा ज्यादा बना रहता है।
हालांकि ये अध्ययन केवल अवलोकनात्मक है, और इसलिए यह साबित नहीं हो पाया है कि इससे प्रभाव इतने गंभीर हो सकते है।
टीम ने बैक्टीरिया और वायरस इंफेक्शन के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर हाई बीएमआई और खराब ब्लड शुगर कंट्रोल के प्रभाव का पता लगाने के लिए यूके बायोबैंक के डेटा का उपयोग किया।
पाया गया कि हाई बीएमआई, संक्रमण के साथ अस्पताल में भर्ती होने से जुड़ा है। बीएमआई में 5 अंक की वृद्धि से बैक्टीरियल संक्रमण के साथ अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 30 प्रतिशत बढ़ जाती है।
इसी प्रकार, बीएमआई में प्रत्येक पांच अंक की वृद्धि, गंभीर वायरल संक्रमण की संभावना में 32 प्रतिशत की वृद्धि से जुड़ी थी।
इससे पता चला कि हाई बीएमआई गंभीर बैक्टीरियल और वायरल संक्रमणों का एक कारण है। मधुमेह रोगियों में संक्रमण मृत्यु और अस्वस्थता का एक प्रमुख कारण है। हालांकि, हल्का हाइपरग्लाइसेमिया गंभीर संक्रमणों का कारण नहीं है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, गंभीर संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले किसी भी व्यक्ति को दोबारा भी किसी अन्य संक्रमण के साथ अस्पताल में भर्ती होने का खतरा अधिक होता है।
--आईएएनएस
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