शुरुआत हम धार्मिक उद्देश्य से व्रत रखने से करते हैं, जिसके अनुसार
संकल्पपूर्वक किए गए कर्म को व्रत कहते हैं। अर्थात जब आप किसी चेतना एवं
इच्छा की पूर्ति के लिए ईश्वर से एक वरदान चाहते हैं और इसके बदले में व्रत
को अपनी तपस्या का माध्यम बनाते हैं, तभी यह कर्म किया जाता है। मनुष्य
किसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए दिनभर के लिए अन्न या जल का त्याग करते
हैं, वे भोजन का एक दाना भी ग्रहण नहीं करते। ये भी पढ़ें - अगर जेब में पैसा नहीं टिकता हो तो करें ये उपाय
उनके इसी त्याग को
मान्यतानुसार व्रत का नाम दिया गया है। मनुष्य के नजरिए से व्रत धर्म का
साधन माना गया है। लेकिन ऐसा जरूरी नहीं कि व्रत के लिए पूरे दिन के लिए
अन्न एवं जल का त्याग किया जाए।
आज का राशिफल: ऐसे बीतेगा 12 राशि के जातकों का चैत्र शुक्ल् नवमीं का दिन
आज का राशिफल: कैसे बीतेगा 12 राशि के जातकों का नवरात्र की अष्टमी का दिन
दुर्गाष्टमी पर करें मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा
Daily Horoscope