इस खुबसूरत मीठी मगर सच्ची कहानी के मुख्य किरदार हैं वृंदा शुक्ला
और अंकुर अग्रवाल। दोनों आईपीएस हैं। बचपन में अंबाला में पड़ोसी थे, सो
हाईस्कूल तक दोनों अंबाला के ही जीसस एंड मेरी स्कूल में साथ-साथ ही पढ़े
भी। वृंदा शुक्ला अब तक लखनऊ स्थित पुलिस महानिदेशालय (मुख्यालय) में
नियुक्त थीं। वृंदा को अब गौतमबुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू
होते ही यहां तैनाती दे दी गई है। पद मिला पुलिस उपायुक्त यानि डीसीपी
(महिला सुरक्षा)। ये भी पढ़ें - ये ऎप बताएगा क्यों रो रहा है आपका बच्चा
वृंदा के पति अंकुर अग्रवाल को एक महीने पहले ही
गौतमबुद्ध नगर जिले में नगर पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात किया गया था।
कमिश्नरी सिस्टम लागू हुआ तो आईपीएस पत्नी का यहां तैनाती मिलते ही रुतबा
बढ़ना लाजिमी था। सो बढ़ भी गया। इस नए सिस्टम में आईपीएस पति यानि अंकुर
अग्रवाल अब अतिरिक्त या फिर अपर पुलिस उपायुक्त (एडिश्नर डीसीपी) कहे
जाएंगे।
मतलब बहैसियत डीसीपी पत्नी वृंदा पति अंकुर की अब 'बॉस' होंगी।
दोनों
ने अमेरिका में एक निजी कंपनी में नौकरी करने के दौरान ही भारतीय पुलिस
सेवा (आईपीएस) अधिकारी बनने की तैयारी शुरू कर दी थी। वृंदा को 2014 में
दूसरे प्रयास में आईपीएस का नगालैंड कैडर मिल गया। जबकि इसके दो साल बाद ही
उनके पति अंकुर अग्रवाल को 2016 में बिहार आईपीएस कैडर हासिल हो गया।
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