जालोर। बरसों पहले एक मुस्लिम ने गायों और गुर्जरों को बचाने के लिए प्राण दे दिए थे। उनकी मजार अब क्षेत्र में साम्प्रदायिक सौहाद्र्र का प्रतीक है। यही कारण है कि उर्स में पहली चादर हिंदू की ओर से चढ़ाई जाती है। यह मजार है हजरत शहीद मल्कसा पीर दातार रहमतुल्लाह अलैह (मल्कसा पीर) की। मजार वाला इलाका पुराने गांव के नाम प्रसिद्ध है। रेत के टीले पर बनी मजार पर मुस्लिम समुदाय से अधिक हिन्दू समुदाय के अकीदतमंद आते हैं।
गुर्जर रहें या फिर उजाड़
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