नई दिल्ली। यहां इंदिरा गांधी स्टेडियम में गुरुवार से शुरू हो रही एआईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में चार परिसंघों से नौ देश टूर्नामेंट में पदार्पण करेंगे। चैम्पियनशिप के इस 10वें संस्करण में मुक्केबाजी का मजबूत देश माना जाने वाला स्कॉटलैंड भी पदार्पण कर रहा है। इससे पहले पांच परिसंघों के 102 राष्ट्र बीते नौ संस्करणों में हिस्सा ले चुके हैं। इस टूर्नामेंट की शुरुआत 2001 में हुई थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
2006 के बाद से यह पहली बार है कि नई दिल्ली इस टूर्नामेंट की मेजबानी कर रही है। 2006 में हुए टूर्नामेंट में 33 देशों की 178 मुक्केबाजों ने हिस्सा लिया था। स्कॉटलैंड ने कुछ ही वर्ष पूर्व अपनी महिला टीम बनाई है। उसने इससे पहले कभी विश्व चैम्पियनशिप में अपनी टीम नहीं उतारी। इस देश की तीन मुक्केबाजों में 19 साल की विक्टोरिया ग्लोवर हैं जो 57 किलोग्राम भारवर्ग में प्रतिस्पर्धा करेंगी।
उनके अलावा स्कॉटलैंड की स्टेफनी केरनाचान 51 किलोग्राम भारवर्ग और मेगन रीड 64 किलोग्राम भारवर्ग में रिंग में उतरेंगी। स्कॉटलैंड के अलावा 2012 में एआईबीए में शमिल होने वाला देश कोसोवो की महिला टीम भी विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा ले रही है। कोसोवो के मुक्केबाजों ने पुरुषों की इलिट यूथ और जूनियर एआईबीए टूर्नामेंट में शिरकत की है।
कोसोवो की पहली महिला मुक्केबाज डोनेता सादिकु ईयूबीसी यूरोपियन महिला यूथ चैम्पियन हैं और इस टूर्नामेंट में पदार्पण कर रही हैं। इस 19 साल की मुक्केबाज ने 2015 में जूनियर विश्व चैम्पिनयशिप में रजत पदक जीता था।
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