नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट के लिए साल 2017 एक ऐसा साल रहा है जहां उसने वो मुकाम हासिल किया जिसे पाने का सपना हर टीम देखती है। साल का अंत होने तक टीम ने विश्व क्रिकेट में अपनी बादशाहत को और मजबूत किया। हालांकि, भारत ने अधिकतर क्रिकेट अपने घर में खेली लेकिन जो हासिल किया वो घर में स्वर्णिम काल से कम नहीं है। एक भी द्विपक्षीय सीरीज में हार नहीं मिली, टेस्ट में कोई भारत को मात नहीं दे पाया, टी20 में टीम ने अपने वर्चस्व को और मजबूत किया, जो टीम सामने आई उसे हार मिली। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
साल की शुरुआत वैसी नहीं रही थी, जैसा अंत रहा। मैदान से बाहर भारत ने काफी कुछ देखा। दो जनवरी को ही भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की बागडोर सर्वोच्च अदालत ने अनुराग ठाकुर के हाथों से छीन ली। ठाकुर के साथ अजय शिर्के भी सचिव पद से हटा दिए गए। लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर अमल में चूक के चलते बीसीसीआई को काफी कुछ झेलना पड़ा। इस बीच मैदान के अंदर भी काफी कुछ हुआ। देश को दो विश्व कप दिलाने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने वनडे और टी20 की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया।
देश ने जिस शख्स को सिर्फ और सिर्फ कप्तान के रूप में देखा वो स्वेच्छा से अपना पद एक युवा और धाकड़ बल्लेबाज विराट कोहली को देने को तैयार हो गया। टेस्ट कप्तान कोहली ने इस बागडोर को सीमित ओवरों में बखूबी संभाला और पहली सीरीज में इंग्लैंड को मात दी। इंग्लैंड को वनडे और टी20 में शिकस्त देने के बाद भारत ने टेस्ट में अपने विजय क्रम को बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए एकमात्र टेस्ट में भी जारी रखा। ऑस्ट्रेलिया के रूप में उसके लिए ऐसी चुनौती खड़ी थी जो बेहद मुश्किल थी। ऑस्ट्रेलिया ने पुणे में खेले गए पहले मैच को जीतकर बता दिया कि भारत उसे किसी भी कीमत में हल्के में नहीं ले सकता।
एक मुश्किल पिच पर रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा के सामने ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीवन स्मिथ शतकीय पारी खेल मैच अपने नाम कर ले गए। लेकिन, भारत ने यहां हार नहीं मानी और फिर शानदार वापसी करते हुए चार टेस्ट मैचों की सीरीज पर 2-1 से कब्जा जमाया। बेहतरीन फॉर्म के साथ भारतीय टीम इंग्लैंड की जमीन पर चैंपियंस ट्रॉफी खेलने पहुंची। भारत इस टूर्नामेंट का प्रबल दावेदार माना जा रहा था।
उम्मीद के मुताबिक उसने प्रदर्शन भी किया और फाइनल में जगह बनाई, लेकिन फिर वो हुआ जो किसी ने नहीं सोचा था। फाइनल भारत और पाकिस्तान जैसे दो चिर-परिचित प्रतिद्वंद्वियों के बीच था। पाकिस्तान ने इस मैच में भारत को एकतरफा मात दी और पहली बार आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में भारत को हराया और पहली बार चैम्पियंस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया।
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