कानपुर। भारत ने ग्रीनपार्क स्टेडियम में खेले गए आखिरी वनडे के
रोमांचक मुकाबले में न्यूजीलैंड को छह रनों से मात देते हुए तीन मैचों की
सीरीज पर 2-1 से कब्जा जमा लिया। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए रोहित
शर्मा (147) और विराट कोहली (113) के बीच हुई दोहरी शतकीय साझेदारी के दम
पर निर्धारित 50 ओवरों में सात विकेट के नुकसान पर 337 रन बनाए थे। जवाब
में किवी टीम पूरे ओवर खेलने के बाद सात विकेट पर 331 रन ही बना सकी। यह
भारत की लगातार सातवीं द्विपक्षीय सीरीज जीत है। यह भारत की लगातार सबसे
ज्यादा सीरीज जीत का रिकार्ड है। इससे पहले भारत ने लगातार छह द्विपत्रीय
सीरीज जीती थीं। उसके लिए कोलिन मुनरो, केन विलियिमस और टॉम लाथम ने
अर्धशतकीय पारियां खेलीं। भारत के लिए जसप्रीत बुमराह ने तीन विकेट लिए।
युजवेंद्र चहल ने अहम समय पर दो सफलता हासिल कीं। भुवनेश्वर कुमार ने एक
विकेट लिया। एक बल्लेबाज रन आउट हुआ। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
विशाल लक्ष्य का पीछा करने
उतरी किवी टीम को मुनरो ने तेज शुरुआत दी। उन्होंने पहले ओवर में ही
भुवनेश्वर पर एक छक्का और दो चौके जड़े। मुनरो ने अगले ओवर में बुमराह को
भी नहीं बख्शा। हालांकि दूसरे छोर से उन्हें मार्टिन गुप्टिल (10) का साथ
नहीं मिला। गुप्टिल 44 के कुल स्कोर पर बुमराह की गेंद पर दिनेश कार्तिक को
कैच दे बैठे। पिछले दो मैचों से खामोश चल रहे किवी कप्तान विलियमसन ने इस
मैच में अपना का जौहर दिखाया और मुनरो का बखूबी साथ दिया। दोनों ने मिलकर
दूसरे विकेट के लिए 109 रनों की साझेदारी करते हुए टीम को अच्छी स्थिति में
पहुंचा दिया। मुनरो लगातार भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की बखियां उधेड़ रहे
थे। तो विलियमसन ने आते ही हार्दिक पांड्या पर दो शानदार चौके जड़े। इन
दोनों ने केदार जाधव और अक्षर पटेल को भी अच्छे से खेला।
हालांकि
लेग स्पिनर चहल ने मुनरो से भारत का पीछा छुड़ाया और 153 के कुल स्कोर पर
62 गेंदों में आठ चौकों और तीन छक्कों की मदद से खेली गई 75 रनों की मुनरो
की पारी का अंत उन्हें बोल्ड करते हुए किया। मुनरो के जाने के बाद कप्तान
भी कुछ ही देर में पवेलियन लौट लिए। कप्तान को चहल ने महेंद्र सिंह धौनी के
हाथों स्टम्प कराया। विलियमसन ने थोड़ा धीमा खेल खेला और 64 रन बनाने के
लिए 84 गेंदे लीं। अपनी अर्धशतकीय पारी में उन्होंने आठ चौके जड़े। रॉस
टेलर (39) को बड़ी पारी खेलने से बुमराह ने रोका। 247 के कुल स्कोर पर टेलर
जाधव को कैच दे बैठे।
यहां से पहले मैच में शतक लगाकर टीम को जीत
दिलाने वाले लाथम और हेनरी निकलोस ने मेजबानों की परेशानियों को बढ़ा दिया।
इन दोनों ने किवी टीम की जीत की उम्मीदों को जिंदा रखा, लेकिन जीत के करीब
जाते-जाते निकोलस भुवनेश्वर की गेंद पर बोल्ड हो गए। 37 रन बनाने वाले
निकोलस ने लाथम के साथ 59 रनों की साझेदारी की। उम्मीदें लाथम से थीं,
लेकिन वह 48वें ओवर की पांचवीं गेंद पर दुर्भाग्यवश तरीके से रन आउट हो गए।
लाथम ने 52 गेंदों में सात चौकों की मदद से 65 रन बनाए। यहां से किवी टीम
की उम्मीदें खत्म हो गईं थीं। बुमराह ने आखिरी ओवर में जरूरी 15 रन बनाने
से कोनिल डी ग्रांडहोमे (नाबाद 8) और टिम साउदी (नाबाद 4) को वंचित रखा।
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