नई दिल्ली। बीसीसीआई लोकपाल डीके जैन द्वारा सीएसी के सदस्य रहते हुए आईपीएल टीम सनराइजर्स हैदराबाद के मेंटॉर का पद संभालने को लेकर पूर्व टेस्ट क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण से सफाई मांगने के बाद पूर्व बल्लेबाज ने अपनी सफाई में जो पत्र लिखा उसने कई चीजों की कलई खोल दी है। लक्ष्मण ने अपने पत्र में बताया है कि किस तरह प्रशासकों की समिति (सीओए) ने दिसंबर-2018 में क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) को महिला टीम का कोच चुनने के लिए महज 24 घंटे दिए थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
लक्ष्मण द्वारा इस बात का खुलासा करने पर सीओए की सदस्य डायना एडुल्जी के सीओए अध्यक्ष विनोद राय और बीसीसीआई सीईओ राहुल जौहरी से उस समय किए गए वो सवाल ताजा हो जाते हैं जिसमें एडुल्जी ने राय से पूछा था कि महिला टीम का कोच नियुक्त करने के लिए इतनी जल्दबाजी किसलिए? बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि एडुल्जी ने जो पक्ष लिया था उसे लक्ष्मण के पत्र से बल मिलता है और यह एक बार फिर बताता है कि सीओए ने किस तरह महिला टीम का कोच नियुक्त करने में गैर पेशेवर रवैया अपनाया।
अधिकारी ने कहा कि उस समय काफी कहा गया कि एडुल्जी फालतू में बखेड़ा खड़ा कर रही हैं लेकिन लक्ष्मण के पत्र ने काफी चीजें साफ कर दी हैं और यह बात सामने आना हैरानी भरी बात है कि सीओए महान खिलाडिय़ों के साथ किस तरह का बर्ताव कर रही है। अगर देखा जाए तो क्रिकेट समिति में उनके पास एक साल और होगा और इसके बाद भारतीय क्रिकेट का क्या होगा पता नहीं। खासकर तब जब आपको पता चलेगा कि उनकी सेवाओं को आपने सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया, यहां तक की सीधे तौर पर नजरअंदाज तक किया।
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