मैरी कॉम का
जन्म मणिपुर के छोटे
से स्थान कांगथेई में
बहुत गरीब
परिवार में
हुआ था।
दूरदराज इलाके और गरीबी का दंश
झेलने वाली
मैरी कॉम का
हौंसला छोटा
नहीं है।
मैरी कॉम ने
अपनी भूख
को मारा, इच्छाओं को
मारा, लेकिन कभी उन्होंने अपने
सपने और
हौंसले को
मरने नहीं
दिया।बता दें कि एक समय था कि मैरी कॉम अपने पूरे गांव में भी घूम आएं तो उन्हें कोई नहीं जानता था लेकिन ओलंपिक में मेडल जीतने के बाद उन्हें पूरी दुनिया जानने लगी है।35 की उम्र में भी मैरी कॉम का जलवा बरकार है। मैरी कॉम ने एक बा फिर भारत का नाम रौशन किया है।मैरी कॉम ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 मुक्केबाज में भारत को एक और गोल्ड दिलाया है। मैरी कॉम ने 48
किलोग्राम वर्ग के मुक्केबाजी प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है। हम आपको आज बता रहे
है कि
मेरी कॉम
ने अब
कितने अचीमेंट हासिल किए
है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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