नई दिल्ली। क्रिकेट में विकेटकीपर का रोल काफी अहम होता है। विकेट के पीछे खड़े विकेटकीपर की राय को कोई भी कप्तान हल्के में नहीं लेता। भारतीय इतिहास में कई ऐसे विकेटकीपर रहे हैं जिन्होंने खेल पर अपना अलग ही प्रभाव छोड़ा है। इनमें सबसे पहला नाम भारत की मौजूदा सीमित ओवरों की टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी का आता है।
धोनी ने क्रिकेट को धर्म माने जाने वाले इस देश में विकेटकीपिंग की नई परिभाषा लिखी। उन्होंने विकेटकीपर के लिए बल्ले के अलावा अपने बल्ले से इस पद की योग्यता को और बढ़ा दिया। धोनी को भारतीय क्रिकेट इतिहास में सबसे सफल टेस्ट विकेटकीपर माना जाता है और आंकड़े भी इस बात की गवाही देते हैं।
2014 में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने वाले धोनी ने कुल 90 टेस्ट मैच खेले हैं और 256 कैच के साथ 38 स्टंपिंग की हैं जोकि किसी भी भारतीय विकेटकीपर द्वारा किए गए सबसे ज्यादा शिकार हैं। धोनी टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाले पहले विकेटकीपर हैं। उन्होंने टेस्ट में 38.09 की औसत से कुल 8,249 रन बनाए हैं जोकि भारतीय टेस्ट विकेटकीपर के तौर पर सबसे ज्यादा रन हैं। टेस्ट में धोनी ने कुल छह शतक और 33 अर्धशतक लगाए हैं।
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