नागौर/नईदिल्ली। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष व नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल शुक्रवार को लोक सभा में पंजाब के हरिके से राजस्थान की नहरों में प्रवाहित होने वाले जल में गंदे पानी व अपशिष्ठ को निकासी को रोकने की मांग उठाई।
सांसद ने कहा कि राजस्थान रावी -व्यास और सतलज का जल हरिके बैराज के डाउन स्ट्रीम से प्राप्त करता हैं और पंजाब राज्य में सतलज नदी के आस -पास बसे शहरों व कस्बों का नगरीय अपशिष्ठ नालों से होते हुए सतलज नदी में मिलते हुए हरिके बैराज में आता है और नहरों में प्रवाहित होने वाले अपशिष्ट से मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर पड़ता है। पंजाब में अपशिष्ठ के शोधन से एसटीपी व सीईटीपी निर्माणाधीन है लेकिन वहां और बेहतर उपाय करने की जरूरत है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बेनीवाल ने कहाकि एनजीटी ने भी पंजाब सरकार को इस मामले में निर्देश दे रखे है। लेकिन, पंजाब सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया। सांसद ने इस मामले में केंद्र से हस्तक्षेप करके राजस्थान की नहरों में प्रवाहित होने वाले गंदे पानी व अपशिष्ठ को रोकने की मांग की।
शुक्रवार को सांसद हनुमान बेनीवाल के सवाल के जवाब में केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा और योग विश्वविद्यालयों के विनियमन के लिए कोई केंद्रीय नियामक आयोग ही नही है।
बेनीवाल ने इस संबंध में सरकार से जानकारी पूछी थी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा और योग भारत की देन है और सरकार एक तरफ कहती है कि योग और प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा मिलना चाहिए क्योंकि योग प्राचीनकाल से भारत में चला आ रहा है बावजूद इसके देश में प्राकृतिक चिकित्सा और योग विश्वविद्यालयों के विनियमन के लिए कोई केंद्रीय नियामक आयोग ही नही है जो सरकार की बड़ी चूक है।
अमित शाह ने 'विश्व पुलिस एवं फायर खेल-2025' के 613 पदक विजेताओं को किया सम्मानित
टीआरएफ को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित करना भारत की कूटनीतिक सफलता: सुधांशु त्रिवेदी
इससे बुरी प्रतिशोध की राजनीति कभी नहीं देखी गई थी: सुप्रिया श्रीनेत
Daily Horoscope