आनंद शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधते हुए आज कहा कि उन्होंने न तो प्रधानमंत्री पद की गरिमा का ख्याल रखा है और न ही उन्हें विपक्ष की आवाज सुनने की उत्सुकता है। मोदी के ऐसे रवैया के चलते पार्टी को देश की समस्याओं को सरकार से संवाद द्वारा चर्चा करने की अब कोई इच्छा नहीं है। शिमला में पत्रकार वार्ता में शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को शालीनता के नाते अपने पद की गरिमा का ख्याल करते हुए शताब्दी पुरानी कांग्रेस पार्टी के नेताओं पर सार्वजनिक रूप से गलत शब्दों का प्रयोग करने से परहेज करना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि पीएम मोदी उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार में जिस तरह से निचले स्तर पर जाकर विपक्ष पर हमले बोल रहे हैं, उससे प्रधानमंत्री पद की गरिमा को भी ठेस पहुंची है। उन्होंने आरोप लगाया कि अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए भाजपा यूपी के चुनाव प्रचार में करीब 3500 करोड़ का धन बहा रही है। नोटबंदी के बाद देश में लोग परेशान थे और बीजेपी नेताओं के पास नए नोट मिल रहे थे। वह पैसा कहां से आया है, यह देश की जनता को बताना चाहिए। नोटबंदी के कारण जिस तरह से देशवासियों को नुकसान हुआ है अभी भी स्थिति सामान्य होने में करीब एक साल लग जाएगा। नोटबंदी के कारण 6 करोड़ लोगों को नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा है।
उन्होंने कहा कि नोटबेदी को लेकर जो बातें प्रधानमंत्री ने कही थी, वह कोई भी सही नहीं निकली। न तो काला धन निकला, न आतंकवाद की फंडिंग रूकी, न भ्रष्टाचार रूका और न ही नकली नोट रु के। बल्कि इसके उलट एक काम हुआ कि मनी लांड्रिंग का कार्य शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि 2 हजार के नोट के सुरक्षा मानक भी कमजोर निकले और बांग्लादेश और पाकिस्तान में नए नोट छपने शुरू हो गए। उन्होंने मोदी और वित्त मंत्री से पूछा कि नोटबंदी से कितना काला धन मिला, यह देश को बताना चाहिए।
आनंद शर्मा ने नरेंद्र मोदी पर सेना का राजनीतिकरण करने का गंभीर आरोप लगाया और कहा कि उत्तर प्रदेश की चुनावी सभाओं में पीएस जिस तरह से भाषण दे रहे हैं, उससे उनकी अस्वस्थ मनोवृति का पता चलता है। उन्होंने कहा कि इस बात का इतिहास गवाह है कि देश की सेना ने 1971 की लड़ाई लड़कर पाकिस्तान के एक लाख जवानों का सरेंडर करवाया था। इसके बाद कारिगल युद्ध हुआ और वह भी देश की सेना ने जीता। ऐसे में पीएम मोदी को असत्य नहीं बोलना चाहिए।
आनंद शर्मा ने शनिवार को शिमला में कहा कि पीएम मोदी चुनाव जीतने के लिए लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर भी मोदी पर निशाना साधा और कहा कि यह कोई पहली बार नहीं हुआ, जिसका प्रचार बीजेपी कर रही है। पहले भी ऐसा हुआ है, लेकिन तब की सरकारों ने इसका प्रचार नहीं किया। उन्होंने कहा कि मोदी को सेना का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह सेना मोदी की नहीं, बल्कि भारतीय संघ की है।
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