जोधपुर। एमबीबीएस करने के बाद नेशनल एग्जिट टेस्ट की अनिवार्यता के खिलाफ जोधपुर में मेडिकल स्टूडेंट्स विरोध पर उतर आए हैं। डॉक्टर बनने और प्रैक्टिस करने के लिए अनिवार्य किए जा रहे इस नियम के खिलाफ बुधवार को जोधपुर के डॉ. एस.एन. मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने रैली निकाल इस नियम को हटाने की मांग की। मेडिकल स्टूडेंट्स यूनियन के डॉक्टर सुमेर सिंह भाटी ने कहा कि देश के सभी मेडिकल कॉलेज केन्द्र सरकार और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की गाइड लाइन के अनुसार ही संचालित किए जा रहे हैं। फिर सरकार इन कॉलेजों से पढ़ कर निकले छात्रों पर एक और टेस्ट क्यों थोपने जा रही है। छात्रों ने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है भारत सरकार को देश की चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है। मेडिकल स्टूडेंट्स का कहना है कि इस परीक्षा में एमओ के लिए पहले से पचास फीसदी सीटें आरक्षित की हुई हैं। अब इसे और बढ़ाने से फ्रेश स्टूडेंट्स को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। छात्रों ने मांग की कि पीजी प्रवेश परीक्षा एमबीबीएस परीक्षा समाप्त होते ही आयोजित होनी चाहिए, ताकि छात्रों का समय खराब नहीं हो।
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दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मेडिकल काउंसिल संशोधन बिल तैयार किया है। इसके तहत प्रैक्टिस के लिए टेस्ट का प्रावधान रखा गया है। एमबीबीएस करने के बाद यदि कोई डॉक्टर प्रैक्टिस करना चाहता है तो उसे टेस्ट देना होगा। इसके बाद ही वह प्रैक्टिस कर सकेगा। प्रैक्टिस का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए अब नेशनल एग्जिट टेस्ट पास करना जरूरी होगा।
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