जयपुर। प्र्रदेश के सरकारी कार्यालयों की तर्ज पर अब राजस्थान मदरसा बोर्ड भी हाईटेक होने जा रहा है। सरकारी दफ्तरों में जहां बायोमैट्रिक मशीनों से हाजिरी की जा रही है। वहीं राजस्थान मदरसा बोर्ड इससे भी एक कदम आगे बढ़ते हुए मदरसों में कार्यरत पैराटीचरों की हाजिरी के लिए हाईटेक फॉर्मूले पर काम कर रहा है। सूत्रों की मानें तो बोर्ड पैराटीचरों की हाजिरी के लिए मोबाइल एप तैयार करवा रहा है, जिसके जरिए पैराटीचरों की दैनिक हाजिरी दर्ज की जाएगी। बताया जाता है कि मोबाइल एप के जरिए होने वाली हाजिरी व्यवस्था को अगले साल मार्च के अंत तक पूरे प्रदेश के मदरसा शिक्षकों के लिए लागू कर दिया जाएगा। एप के जरिए पैराटीचरों की हाजिरी व्यवस्था को लागू करने वाला राजस्थान देश में पहला राज्य होगा। जानकारों की माने तो मदरसा बोर्ड की ओर से जो एप तैयार करवाया जा रहा है, उसे प्रत्येक मदरसा पैराटीचर को अपने एंड्रोयड फोन में डाउनलोड करना होगा। उसके बाद मदरसा बोर्ड की ओर से प्रत्येक पैराटीचर को एप की लॉगिन आईडी और पासवर्ड दिए जाएंगे, जिसके बाद पैराटीचर मदरसे में पहुंचने के बाद एप को लॉगिन कर अपनी हाजिरी लगा सकता है। बोर्ड से जुड़े लोगों का कहना है कि काफी लंबे समय से बोर्ड को हाजिरी में गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही थीं। इसके अलावा कई बार पैराटीचरों की हाजिरी देरी से पहुंचने के कारण उनका मानदेय भी रुक जाता था। इन्हीं सब परेशानियों से निजात पाने के लिए बोर्ड ने नए फॉर्मूले पर काम करना शुरू कर दिया था। बताया जाता है कि मोबाइल एप में ऐसा डिवाइस सिस्टम लगाया जा रहा है, जो पैराटीचर की लोकेशन को बता देगा। अगर पैराटीचर मदरसे में होगा तो लोकेशन मदरसे की आएगी और किसी अन्य जगह होगा तो वहां की लोकेशन आएगी। इस बारे में राजस्थान मदरसा बोर्ड के सदस्य यूनुस चोपदार ने कहा कि पैराटीचरों को समय पर मानदेय मिले, इसके लिए अब उनकी प्रतिदिन की हाजिरी मोबाइल एप पर होगी। अगले साल मार्च तक इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा।
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