चंडीगढ़/नई दिल्ली। 8 नवंबर को पीएम मोदी की काले धन की धरपकड़ को लेकर शुरू की गई मुहिम का ही हिस्सा है कि काले धन का पता लगने के बाद व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। इनकम टैक्स विभाग ने कहा है कि छापेमारी के बाद यदि बेहिसाबी धन रखने वाले लोग इसका स्रोत नहीं बता पाएंगे तो उन पर 137 प्रतिशत टैक्स और जुर्माना लगेगा। [@ छात्रा के साथ बलात्कार फिर मर्डर, लड़के ने भी लगाई फांसी]
आयकर विभाग के मुताबिक, यदि छापेमारी के दौरान यह स्वीकार किया जाता है कि बरामद रकम या सामान अघोषित आय का हिस्सा है और आमदनी का स्रोत बताया जाता है तो यह कर और जुर्माना 107.25 प्रतिशत होगा। विभाग ने कहा कि कर चोरी करने वाले नोटबंदी के बाद बैंक जमा पर 50 प्रतिशत का भुगतान कर पाक साफ होकर निकल सकते हैं। मगर कोई व्यक्ति छापेमारी के दौरान अपनी अघोषित आय को स्वीकार नहीं करता है, और कर नहीं दिया गया है और वह आमदनी का स्रोत नहीं बता पाता है तो ऐसे में कर जुर्माना 137.25 प्रतिशत लगेगा। मुख्य आयुक्त आयकर (एनडब्ल्यूआर) राजेंद्र कुमार ने इस बारे में कहा कि हम लोगों से अपनी बैंकों और डाकघरों में जमा अघोषित नकदी का प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, 2016 के तहत खुलासा करने को कह रहे हैं।
क्या है काला धन?
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