नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने छह राष्ट्रीय दलों के शीर्ष
नेताओं राजनाथ सिंह, मायावती, सोनिया गांधी, प्रकाश करात, शरद पवार और
सुधाकर रेड्डी को नए सिरे से नोटिस जारी किया है। आरटीआई अर्जी पर जवाब
नहीं देने पर आयोग ने इन नेताओं को पेश होने को कहा है।
नामों से नोटिस तब जारी किए गए जब शिकायतकर्ता आरके जैन ने आरोप लगाया कि
सीआईसी के रजिस्ट्रार ने छह दलों भाजपा, कांग्रेस, बसपा, एनसीपी, माकपा और
भाकपा के खिलाफ उनकी शिकायतों से निपटने में दोहरे मानदंड अपनाए। इस मामले
में आयोग ने केवल सोनिया गांधी के नाम से नोटिस भेजा था जबकि अन्य नोटिस
पार्टी प्रमुखों को संबोधित करते हुए भेजे गए।
आयोग ने 2013 में आरटीआई कानून के तहत इन दलों को जवाबदेह घोषित किया था।
इसके बाद जैन ने फरवरी, 2014 में कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों को आरटीआई
अर्जी भेजकर उनके चंदे, आंतरिक चुनावों आदि की जानकारी मांगी थी। कोई जवाब
नहीं मिलने पर सीआईसी में शिकायत दाखिल की।
नेताओं से 22 जुलाई को आयोग की पूर्ण पीठ के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया
है।
पीठ में सूचना आयुक्त बिमल जुल्का, श्रीधर आचार्युलू और सुधीर भार्गव
होंगे जो जैन की याचिका पर सुनवाई करेगी।
इससे पहले, एक नोटिस सोनिया गांधी के नाम से और अन्य पार्टियों को उनके
अध्यक्षों-महासचिवों को संबोधित कर भेजा गया था जिसका जैन ने विरोध किया था
और मुख्य सूचना आयुक्त से शिकायत की थी।
जैन ने साथ ही आरोप लगाया कि
सोनिया गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उनके नाम से नोटिस भेजा, वहीं
राजनाथ सिंह, प्रकाश करात, शरद पवार, मायावती और एस सुधाकर रेड्डी के नाम
हटा दिए गए जबकि शिकायतों में उनके नाम स्पष्ट तौर पर लिखे थे। इस तरह
दोहरा मानदंड अपनाया गया।
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