इलाहाबाद। शहर उत्तरी विधान सभा सीट पर सबसे ज्यादा दावेदार चुनाव मैदान में है। इसके कारण जानने के लिये खास खबर ने पड़ताल की तो जातिगत आंकड़ों की वजह से दावेदारी बढ़ने का आंकड़ा सामने आये। [# खास खबर Exclusive: हंडिया में दो दिग्गजों की साख दांव पर] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
दरअसल इस सीट पर ब्राह्मणों का वर्चस्व है और सबसे अधिक मतदाता की संख्या भी ब्राह्मण की ही है। जिसके कारण स्वर्ण प्रत्याशी ही चुनाव मैदान में उतरे हैं। लेकिन यहां लड़ाई भाजपा बनाम सपा-कांग्रेस गठबंधन की है। हालांकि बसपा प्रत्याशी भी मैदान में बने हुये हैं। आइये हम आपको बताते हैं इस सीट के जातिगत आंकड़ों के बारे में।
सर्वाधिक ब्राह्मण
शहर उत्तरी सीट का गठन 1957 के चुनाव में हुआ था। तब से यहां जातिगत आंकड़े सबसे अहम माने जाते रहे हैं । आंकड़ों में ब्राह्मण ज्यादा मतदाता नजर आते हैं, जिनकी संख्या एक लाख है। कायस्थ वोट 85 हजार है। सागरपेशा वर्ग 40 हजार है। अल्पसंख्यक वोट मुसलमान व ईसाई भी लगभग 40-45 हजार के करीब हैं। क्षत्रिय वोटों की संख्या सबसे कम है पर इस वर्ग के प्रत्याशी यहां कई बार चुनाव जीत चुके हैं।
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