अलवर। सरस डेयरी यूं तो किसानों के लिए है और जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के नाम से संचालित है लेकिन, इसी के प्रशासनिक अधिकारी इसे दीमक की तरह खा रहे हैं। पिछले दिनों चुने गए डेयरी के नए अध्यक्ष बन्नाराम मीणा के पदभार के बाद से ही उन पर व पूर्व एमडी शरद चौधरी पर कई बार गम्भीर अनियमितताऐं करने के आरोप लगते रहे हैं। अक्सर विवादों में रहने वाली अलवर सरस डेयरी में पिछले दिनों से चल रहे घटनाक्रम में दुग्ध संकलन केन्द्र संचालकों ने अनेक बार उच्च अधिकारियों, मंत्रियो और पुलिस प्रशासन को चेयरमैन बन्नाराम मीणा व एमडी शरद चौधरी के खिलाफ जांच कर कार्रवाई करने के लिए शिकायत की है। जब गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया अलवर आए तो दुग्ध उत्पादक समितियों का एक दल गृह मंत्री से मिला था और उनसे चेयरमैन बन्नाराम मीणा व तत्कालीन एमडी शरद चौधरी के खिलाफ जांच करने की गुहार लगाई थी। गृह मंत्री ने भी केवल आश्वासन दिया, कोई कार्रवाई नहीं की। रामगढ़ विधायक ज्ञानदेव आहूजा द्वारा 28 मार्च 2016 को एडीजी राजस्थान पुलिस को भी शिकायत की गई। उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर सुखमनहेड़ी मुंडावर निवासी किसान नेता व दुग्ध संकलन केंद्र संचालक राममेहर चौधरी द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर में रिट पिटीशन संख्या 718/2017 दायर की गई। जिसमें गृह सचिव राजस्थान के जरिए राजस्थान सरकार, महानिदेशक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, एडीजी राजस्थान पुलिस, सरस डेयरी अलवर चेयरमैन बन्नाराम मीणा व डेयरी एमडी शरद चौधरी के खिलाफ याचिका दायर की। याचिका संख्या 718/2017 में न्यायाधीश मोहम्मद रफीक द्वारा 20 जनवरी 2017 को दिए आदेश के तहत संपूर्ण दस्तावेज व आरोपो के साथ एसीबी में प्रकरण दर्ज कर जांच किए जाने के आदेश जारी किए हंै। कोर्ट ने ये भी कहा है कि याचिकाकर्ता की शिकायत पर यदि एसीबी कार्रवाई नहीं करती है तो न्यायालय के द्वार खुले हुए हैं। अदालत के आदेश के बाद से जल्द ही चेयरमैन बन्नाराम मीणा व एमडी शरद चौधरी की जांच हो सकती है। एसीबी के जांच में गिरफ़्तारी की तलवार अब चेयरमैन और पूर्व एमडी पर लटकी हुई है। किसान नेता राममेहर चौधरी ने बताया कि जब से बन्नाराम मीणा चेयरमैन बने है डेयरी को अरबन कॉपरेटिव बैंक की तरह हाइजेक कर लिया है। किसानों व दुग्ध उत्पादकों सहित दुग्ध संकलन समितियों को आर्थिक व मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है। बिना पैसे कोई काम नहीं होता है। बन्नाराम मीणा को एक मंत्री का संरक्षण प्राप्त है। बन्नाराम मीणा मंत्री के राजनीतिक प्रभुत्व के चलते डेयरी में भ्रष्टाचार कर करोड़ों रुपए का हेरफेर कर रहा है। कई विधायको की मंथली भी डेयरी से बंधी हुई है।
पूर्व में भी हो चुकी कार्रवाई
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