नई दिल्ली। आईआईटी मंडी में स्टार्टअप्स, नवाचारों और महत्वाकांक्षी उद्यमियों के लिए एक ग्रैंड चैलेंज पेश किया जाएगा। इसमें 6 लाख रुपये का नकद पुरस्कार रखा गया है। यहां शीर्ष स्टार्टअप्स को 50 लाख रुपये तक का अनुदान प्राप्त करने का भी अवसर मिलेगा।
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आईआईटी के मुताबिक इस आयोजन में आवेदन करने की आखिरी तारीख 20 अगस्त 2023 है।
यह, 'एचएसटी स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज' स्टार्टअप पिच प्रतियोगिता के तीन विषयों पर है। इनमें से एक 'द न्यू एज अलायंस - ह्यूमन-कंप्यूटर इंटरएक्शन (एचसीआई)' विषय क्षेत्र के चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों को आईआईटी मंडी के आईहब और एचसीआई फाउंडेशन के साथ परामर्श के बाद चुना गया है।
इसके अंतर्गत मानव क्रियान्वयन और निर्णय लेने में मदद करने और उनकी क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए सहायक प्रौद्योगिकिया शामिल है। मानसिक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकियों का उपयोग व मानव निर्णय लेने, पूर्वानुमान, संचार और प्रोसेसिंग की मदद के लिए कंप्यूटर बुद्धिमत्ता का उपयोग भी इसमें शामिल है।
दूसरा विषय 'फुटहिल इनोवेटर्स चैलेंज' है। इसमें हिमालयी या पहाड़ी सड़क सुरक्षा, आपदा रोकथाम और प्रबंधन, हिमालयी कृषि के लिए मांग और आपूर्ति पक्ष की चुनौतियां व वोकल फॉर लोकल - स्थानीय उत्पादों और सेवाओं को बढ़ाने के उपाय को शामिल किया गया है।
तीसरा विषय 'द हैबिटेबल वर्ल्ड चैलेंज' है। यह पर्यावरण और स्थायित्व इस क्षेत्र के लिए चुनौतियों के चयन को पीक वेंचर्स, अलसीसर इम्पैक्ट, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड-हिमाचल प्रदेश, और नैशनल हेल्थ मिशन-हिमाचल प्रदेश के साथ तैयार किया गया है।
आईआईटी मंडी के मुताबिक जलवायु-अनुसार कृषि (सीआरए) हर विषय से सम्बंधित क्षेत्र के लिए 2 लाख रुपये तक की पुरस्कार राशि निर्धारित की गयी है। इसको शीर्ष 3 स्टार्ट-अप के बीच वितरित किया जायेगा।
शीर्ष स्टार्ट-अप को प्रोटोटाइपिंग के साथ-साथ 50 लाख रुपये तक के उत्पादों के विकास के लिए इन्क्यूबेशन सहायता और फंडिंग योजनाओं तक पहुंच की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। वहीं इन स्टार्टअप्स को राज्य में पायलटिंग के अवसर भी प्रदान किये जायेंगे।
आईआईटी मंडी के निदेशक प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा ने उद्यमियों और नवाचारकों से आग्रह किया है कि वह एचएसटी स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2023 के इस चरण में प्रतिभाग लेकर अपने नवाचार और विचारों को प्रदर्शित कर सकते हैं।
आईआईटी मंडी कैटलिस्ट के इनक्यूबेशन निदेशक एवं फैकल्टी इंचार्ज डॉ. पूरन सिंह ने कहा, "मुझे खुशी है कि मैं एचएसटी के अविश्वसनीय विकास और सफलता को देख और महसूस कर रहा हूं। एचएसटी हमें एक समुदाय के रूप में एकजुट करता है साथ ही यहां स्टार्टअप्स को प्रौद्योगिकी-आधारित उपायों के साथ महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करने के लिए अटूट सहयोग प्रदान किया जाता है।"
(आईएएनएस)
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