वैज्ञानिकों ने माना है कि मंदिर में कुछ ना कुछ तो अजीब घटित होता ही है। वैज्ञानिक भी इस बात को लेकर हैरान हैं। इस मंदिर की स्थापना लगभग 400 वर्ष पहले की गई थी। इस मंदिर में कलश स्थापना का विधान नहीं है। तंत्र साधना से ही यहा माता की प्राण प्रतिष्ठा की गई है। तांत्रिक कारणों से ही यहां कलश स्थापित नहीं होता है।
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