पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में एक बड़ा अल्पसंख्यक तबका मौजूद
है। और हिंदुत्व फासीवादी विचारधारा ने 50 करोड़ लोगों को अलग कर दिया और
अगर वे इसी डगर पर चलते रहे तो इन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता
है। अगर भारत में चरमपंथ का जिन एक बार बोतल से बाहर आ गया तो फिर उसे
वापस बोतल में डालना मुश्किल हो जाएगा। इमरान ने कहा कि मैं भारत से
हमदर्दी का इजहार करते हुए कह रहा हूं कि जो कुछ वहां हो रहा है, वो इसके
लिए सबसे बड़ी तबाही है क्योंकि फासीवादी सोच किसी और सोच को उठने नहीं
देती है।
उन्होंने कहा कि वे एक बार फिर भारत से वार्ता करने के प्रस्ताव
को दोहरा रहे हैं। इमरान ने इस मौके पर पाकिस्तान-मलेशिया संबंध, विश्व के
देशों के सामने इस्लाम की सही व्याख्या पेश करने, इस्लामोफोबिया से निपटने
जैसे मुद्दों पर भी अपनी राय रखी।
गौरतलब है कि भारत ने हमेशा से इस बात पर
जोर दिया है कि पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह देना और भारत में आतंकवादी
हमलों की साजिशें रचना बंद कर दे तो फिर वह उससे वार्ता के लिए तैयार है।
आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा निर्णायक कदम नहीं उठाया जाना भारत को
नामंजूर है और अच्छे रिश्ते की राह की सबसे बड़ी बाधा है।
(IANS)
First Phase Election 2024 : पहले चरण में 60 प्रतिशत से ज्यादा मतदान, यहां देखें कहा कितना मतदान
Election 2024 : सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल और सबसे कम बिहार में मतदान
पहले चरण के बाद भाजपा का दावा : देश में पीएम मोदी की लहर, बढ़ेगा भाजपा की जीत का अंतर
Daily Horoscope