पणजी। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गुरुवार को विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर दिया है। 40 विधायकों की विधानसभा में उन्हें 21 वोट चाहिए थे, जबकि उन्हें 22 वोट मिले। दूसरी ओर, कांग्रेस के 17 विधायकों में से 16 ने ही विरोध में मतदान दिया, पार्टी के वरिष्ठ नेता विश्वजीत राणे शक्ति परीक्षण के दौरान सदन में हाजिर ही नहीं हुए। शक्ति परीक्षण जीतने के बाद मनोहर पर्रिकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्हें स्वेच्छा से वोट दिए गए हैं और कांग्रेस के पास कभी भी नंबर थे ही नहीं। [ अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
पर्रिकर ने कहा कि आज के इस शक्ति परीक्षण को लेकर पूरे देश में चर्चा थी इसलिए हम बताना चाहते हैं कि हमने शक्ति परीक्षण जीत लिया है, और इससे दिग्विजय सिंह का वह दावा झूठा साबित होता है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके पास नंबर हैं। उन्होंने कहा, सच तो यह है कि शुरू से ही कांग्रेस के पास नंबर नहीं थे और नंबर होने की बात को सिर्फ एक हाइप की तरफ उछाला जा रहा था, क्योंकि यह मांग उठ रही थी कि दिग्विजय सिंह को कांग्रेस के महासचिव के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। बता दें कि दिग्विजय सिंह गोवा में कांग्रेस के प्रभारी हैं। पर्रिकर ने गोवा में कांग्रेस के मौजूदा हाल के लिए दिग्विजय को कसूरवार बताते हुए तंज कसा- ‘यही होता है जब आप गोवा काम करने नहीं, छुट्टी मनाने आते हैं।’
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