नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने कोरोना के खतरे के कारण टाली गईं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन पर केंद्र एवं राज्य सरकारों को विद्यार्थियों की सुरक्षा और भविष्य को ध्यान में रखकर निर्णय करने पर बल दिया है। एबीवीपी ने सुझाव देते हुए कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए सरकार नवीन कम समयावधि की परीक्षा, प्रमुख विषयों की परीक्षा, ओपन बुक परीक्षा आदि विकल्पों का इस्तेमाल कर सकती है। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए जुलाई-अगस्त में परीक्षा का आयोजन हो सकता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एबीवीपी का मानना है कि केंद्र एवं राज्य सरकारें जल्दबाजी न दिखाते हुये विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रख कर निर्णय करे। जिस तरह से कोरोना के मामले कम हो रहे हैं, ऐसी स्थिति में निकट माह जुलाई और अगस्त में शारीरिक दूरी का पालन पर कम समयकाल में परीक्षाओं का आयोजन हो सकता है।
महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में पिछले वर्ष की तरह पाठ्यक्रम को कम करके अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों का मूल्यांकन करना, प्रमुख विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में आयोजित होने वाली एक दिवसीय प्रवेश परीक्षाओं को परीक्षा केंद्र की संख्या बढ़ाकर जुलाई व अगस्त माह में आयोजित करने का सुझाव शिक्षा मंत्री को दिया गया है। सत्र को सितंबर व अक्टूबर से शुरू करने का भी सुझाव दिया गया है।
एबीवीपी की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि, देश के अधिकतर विश्वविद्यालयों में स्नातक कक्षाओं में प्रवेश मेरिट लिस्ट के आधार पर होता है, ऐसे में 12वी कक्षा के विद्यार्थियों का मूल्यांकन महत्वपूर्ण है। केंद्र एवं राज्य सरकारों को विद्यार्थियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं शैक्षणिक भविष्य को ध्यान रख कर न्यायोचित निर्णय करना चाहिए जिससे भविष्य में किसी प्रकार की समस्या का सामना विद्यार्थियों को ना करना पड़े। (आईएएनएस)
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