नई दिल्ली। दो तकनीकी गड़बडिय़ों के कारण परिचालन में व्यवधान और वित्तीय नुकसान के बावजूद एयर इंडिया ने अपने यात्री सेवा प्रणाली (पीएसएस) प्रदाता एसआईटीए से मुआवजे का दावा नहीं किया है। एयरलाइन एसआईटीए को 800 करोड़ रुपए का अनुबंध देने को प्रतिबद्ध है, जिसके तहत उसे सामान की जांच, बोर्डिग और ट्रैकिंग तकनीक के लिए आईटी समाधान प्रदान करना है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एसआईटीए एक वैश्विक एयरलाइंस आईटी सेवा समाधान प्रदाता है, जो हवाईअड्डे पर संबंधित सेवाएं प्रदान करती है। एयर इंडिया के एक अंदरूनी सूत्र ने बताया कि यह आश्चर्यजनक है कि एयरलाइन ने सर्वर को बंद करने से हुए भारी नुकसान के लिए एसआईटीए से कोई मुआवजा नहीं मांगा है।
हाल ही में तकनीकी खराबी के कारण एयरलाइन को सैकड़ों उड़ानों में देरी करनी पड़ी थी। उन्होंने कहा कि खराब प्रदर्शन के लिए दंडित करने के बजाय एयरलाइन ने अनुबंध की अवधि को दो साल तक बढ़ाने का फैसला किया है। दो साल के विस्तार के बारे में एक अन्य एयरलाइन अधिकारी ने कहा कि अनुबंध में आठ साल बाद एक नया वेंडर खोजने का प्रावधान था।
आईएएनएस द्वारा इस मुद्दे पर ईमेल से जानकारी मांगी गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। पिछले हफ्ते एसआईटीए के सॉफ्टवेयर में तकनीकी समस्या के कारण, एयर इंडिया की 100 से अधिक उड़ानों में देरी हुई। इसी तरह की गड़बड़ पिछले साल भी हुई थी, जिससे देश भर में लगभग 25 उड़ानों में देरी हुई थी।
(IANS)
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