कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि अंग्रेजी शासन के दौरान और स्वतंत्रता के बाद भी देश का जो इतिहास लिखा गया, उसमें इतिहास के कुछ अहम पक्षों को नजरअंदाज कर दिया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मोदी कोलकाता के दो दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने यहां शनिवार को चार पुनर्निर्मित विरासत भवनों को राष्ट्र को समर्पित करने के बाद अपने विचार रखे।
मोदी ने कहा, "ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि अंग्रेजी शासन के दौरान और स्वतंत्रता के बाद भी देश का जो इतिहास लिखा गया, उसमें इतिहास के कुछ अहम पक्षों को नजरअंदाज कर दिया गया। हमने जो इतिहास पढ़ा है उसका कोई संदर्भ नहीं है कि आम भारतीय लोग अलग-अलग समय के दौरान क्या कर रहे थे। क्या उनका कोई अस्तित्व नहीं है?"
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय इतिहास से जुड़ी बहुत सी चीजें जंगल में बनी हुई हैं, जबकि कुछ लेखकों ने इसे केवल सत्ता संघर्ष, हिंसा और उत्तराधिकार की लड़ाई की कहानियों तक सीमित रखा है।
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने हमारे इतिहास को सत्ता संघर्ष, हिंसा और उत्तराधिकार की लड़ाई तक सीमित कर दिया है।
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