कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले पश्चिम बंगाल के पूर्व डीजीपी वीरेंद्र को एक बैठक में नया सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया है। इसमें विपक्ष के नेता (एलओपी) शुभेंदु अधिकारी ने भाग नहीं लिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रोटोकॉल के अनुसार जिस बैठक में सूचना आयुक्त की नियुक्ति की जानी है, उसमें मुख्यमंत्री, राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री और विपक्ष के नेता की सहमति होनी जरुरी है। हालांकि मुख्यमंत्री और राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री सोवनदेब चट्टोपाध्याय बैठक में मौजूद थे, ेलेकिन, शुभेंदु अधिकारी अनुपस्थित रहे।
बैठक शुरू होने से ठीक एक घंटे पहले, अधिकारी ने एक ट्विटर संदेश जारी कर बताया कि उन्होंने बैठक को छोड़ने का फैसला क्यों किया। उन्होंने लिखा, मैंने समिति की बैठक में शामिल होने के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है, क्योंकि इसमें दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया गया था और ये बैठक बेमतलब है।
बैठक के बाद सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने कहा कि अधिकारी को 12 दिन पहले बैठक में शामिल होने का निमंत्रण मिला था, बैठक में शामिल होने में असमर्थता जताते हुए उनका जवाब कुछ घंटे पहले ही पहुंचा था।
चट्टोपाध्याय ने कहा, बैठक में शामिल नहीं होने के उनके कारण बिना तर्क वाले हैं। इस मामले में बहस का कोई सवाल ही नहीं है, क्योंकि नए सूचना आयुक्त की नियुक्ति में नियमों का पालन किया गया था(आईएएनएस)
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