लखनऊ । उत्तर प्रदेश की
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा जबरन धार्मिक धर्मांतरण के अध्यादेश पर
हस्ताक्षर करने के एक दिन बाद समाजवादी पार्टी ने घोषणा की है कि वह अगले
महीने विधानसभा में 'लव जिहाद' कानून का विरोध करेगी।
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी पार्टी इस
तरह के कानून के पक्ष में नहीं है और वह इसका जोरदार विरोध करेगी। उन्होंने
कहा, "एक तरफ सरकार अंतर-जातीय और अंतर-धर्म विवाह करने वालों को 50 हजार
रुपये देती है और दूसरी ओर वे इसे रोकने के लिए कानून लेकर आई है। हम सरकार
से इसके बजाय ऐसा कानून लाने के लिए कहेंगे, जो किसानों की आय दोगुनी करने
की गारंटी देता है।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सपा प्रमुख ने भाजपा सरकार पर 1,000 करोड़
रुपये के सरकारी स्वामित्व वाले शॉपिंग मॉल को निजी इकाई को बेचने की योजना
बनाने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि एक एक्सप्रेसवे को भी इसी तरह बेचा जा
रहा था। उन्होंने आगे कहा, "समय आने पर इसकी जांच करेंगे और इस सरकार के
भ्रष्टाचार को उजागर करेंगे।"
अखिलेश ने आगे कहा कि यह विडंबना है
कि सरकार भ्रष्टाचार मुक्त होने की बात करती है जबकि एक अंतरराष्ट्रीय
सर्वे में हमारा देश उन देशों की सूची में सबसे ऊपर है जहां रिश्वत सबसे
अधिक प्रचलित है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 10,000 मेगावाट
की सौर ऊर्जा इकाइयों की स्थापना की घोषणा करने पर यादव ने कहा, "उन्हें
सौर पैनल के बारे में कुछ भी नहीं पता है। सपा सरकार के दौरान हमने सौर
ऊर्जा इकाई स्थापित की थी। एक इकाई पूरे एक गांव की जरूरत जितनी बिजली का
उत्पादन करती थी लेकिन इस सरकार ने यह कहते हुए आपूर्ति रोक दी कि
ग्रामीणों ने बिलों का भुगतान नहीं किया है।"
--आईएएनएस
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