एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि भारतीय जनता
पार्टी को ऐसा नेता अध्यक्ष बनाने की फिराक में है जो सवर्ण और पिछड़ा के
साथ दलित वोट बैंक को सहेजकर रखे, लेकिन ज्यादातर चांस सवर्ण नेता के ही बन
रहे हैं। उन्होंने बताया कि गौतमबुद्धनगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा का नाम
भी इस समय चर्चा में है। उनके पास सरकार का पांच साल का अनुभव है। वह संगठन
के भी व्यक्ति माने जाते हैं।
इसी तरह उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को
भी संगठन में लाकर एक प्रयोग किया जा सकता है। महामंत्री विजय बहादुर पाठक
भी अध्यक्ष पद के लिए संगठन की दृष्टि से उपयुक्त माने जा रहे हैं। इसी
प्रकार अगर भाजपा पिछड़े चेहरों में दांव लगाने की सोचेगी तो सबसे पहला नाम
स्वतंत्र देव सिंह का है। वे योगी सरकार में परिवहन मंत्री और मध्यप्रदेश
के प्रभारी भी हैं।
चुनाव के समय भाजपा उनसे रैली और संगठन के कार्यकर्ताओं
की भीड़ एकत्रित करने कार्य लेती रही है। इसके बाद अभी आगरा से सांसद
एस.पी. सिंह बघेल, मंत्री दारा सिंह चौहान का नाम भी चर्चा में है। इसी
प्रकार भाजपा अगर दलित समुदाय से बनाने की सोचेगी तो प्रधानमंत्री मोदी के
संसदीय क्षेत्र के एमएलसी लक्ष्मण आचार्य, प्रो. रामशंकर कठेरिया,
विद्यासागर सोनकर जैसे नाम भी चर्चा में हैं।
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