चेन्नई। इंडियन ऑयल कॉपोर्रेशन (आईओसी) ने उस टैंकर को श्रीलंकाई तट से 35 नॉटिकल मील दूर कर दिया है, जिस पर गुरुवार से आग लगी हुई है। 'न्यू डायमंड' नाम के इस विशाल टैंकर में कुवैत का करीब 3 लाख टन कच्चा तेल लदा हुआ था। भारतीय तटरक्षक बल ने शनिवार को यह जानकारी दी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
तटरक्षक के अनुसार, श्रीलंकाई जहाजों और विमान के समन्वित प्रयासों से एएलपी विंगर पोत ने न्यू डायमंड को सफलतापूर्वक इस द्वीपीय देश के तट से 35 नॉटिकल मील से अधिक दूर कर दिया।
भारतीय तटीय सुरक्षा एजेंसी ने कहा है कि वेरी लॉर्ज क्रूड कैरियर (वीएलसीसी) न्यू डायमंड में आग अभी भी लगी हुई है लेकिन अब इसमें काफी कमी आई है। इसके अलावा समुद्र के तल पर तेल की परत भी नहीं है। शुक्रवार शाम को आग पर काबू पा लिया गया था।
बता दें कि गुरुवार सुबह 20 वर्षीय वीएलसीसी न्यू डायमंड में श्रीलंका के तट और श्रीलंकाई विशेष आर्थिक क्षेत्र से लगभग 37 समुद्री मील दूर आग लग गई थी।
शुक्रवार को न्यू डायमंड के कैप्टन, एक तटरक्षक अधिकारी और एक नाविक के साथ धधकते तेल टैंकर में सवार हुए और आग से धधक रहे इस विशालकाय जहाज के रस्सों और लंगर का आंकलन किया।
कोस्ट गार्ड के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "ऐसी स्थिति में टोइंग और एंकरिंग करना ही बेहतर होता है। हालांकि जहाज को कहां टो किया जाएगा, उसका फैसला केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा।"
उन्होंने यह भी कहा कि कार्गो पंपिंग सुविधा जारी है और कार्गो क्षेत्र इससे प्रभावित नहीं हुआ है। पोत में आग बंदरगाह की तरफ है और डेक पर ज्यादा गर्मी नहीं है।
भारत सरकार ने न्यू डायमंड को टो करने के लिए दो आपातकालीन टोइंग जहाजों को तैनात करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा तटरक्षक पोत से तेल के रिसाव को रोकने के लिए बहु-आयामी रणनीति पर काम कर रहा है क्योंकि यदि तेल रिसाव हुआ तो यह एक बड़ी पर्यावरणीय आपदा होगी।
तटरक्षक ने यह भी कहा कि जलमार्ग से 10 मीटर ऊपर न्यू डायमंड के एक हिस्से में दो मीटर की दरार देखी गई है।
रिवेरा मैरीटाइम मीडिया के तकनीकी संपादक एम. कल्याणरमन ने आईएएनएस को बताया, "यदि दरार फैलती है (जैसी की आशंका है) तो जहाज की स्थिरता प्रभावित हो सकती है। जहाज अभी भी जबरदस्त दबाव में है, ऐसे में यह टूट सकता है और ढह भी सकता है।"
कल्याणरमन ने यह भी कहा कि अगर आग अभी भी भड़क रही है, तो इसका मतलब है कि विस्फोट के लिए ईंधन की उपलब्धता है, जो कि बंकर ऑयल हो सकता है।
एक तटरक्षक अधिकारी ने कहा कि हालांकि दरार आगे नहीं बढ़ी है।
मरीनट्रैफिक डॉट कॉम के अनुसार, यह तेल टैंकर 23 अगस्त को मीना अल अहमदी से रवाना हुआ था और भारत के पारादीप बंदरगाह की ओर चला गया था। इसके 5 सितंबर को ओडिशा के पारादीप पहुंचने की उम्मीद थी जहां आईओसी की बड़ी रिफाइनरी है।
तटरक्षक ने कहा कि श्रीलंकाई नौसेना ने न्यू डायमंड में आग और विस्फोट से लड़ने के लिए सहायता मांगी थी।
खबरों के मुताबिक, एक अन्य तेल टैंकर हेलेन एम बचाव के लिए न्यू डायमंड के स्थान पर पहुंच गया था।
आईओसी के अधिकारी चुप हैं और उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की है।
--आईएएनएस
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