जोधपुर। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर एम्स के मनोचिकित्सा विभाग की ओर से मंगलवार को मानसिक स्वास्थ्य विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के सहायक आचार्य डॉ. जितेंद्र अनेजा ने कार्यस्थल पर कर्मचारियों के मानसिक रुप से अस्वस्थ होने के दुष्प्रभाव के बारे में बताया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि औसतन 15 प्रतिशत कर्मचारी मानसिक परेशानी का सामना करते हैं। जिनमें से 50 प्रतिशत लोग इलाज नहीं लेते इस कारण औसतन कर्मचारी 36 दिन का नुकसान करता है एक अनुमान के अनुसार 2030 तक भारत को करीब एक खरब डॉलर का नुकसान कर्मचारियों के मानसिक अस्वस्थता के कारण झेलना पड़ेगा। सेमिनार में डॉ. मुकेश स्वामी, डॉ. तनु गुप्ता डॉ. श्रुति मोदी ने शारीरिक व्यायाम, मेडिटेशन तथा परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बीता तनाव को दूर करने के उपाय बताए।
डॉ. अरविंद बारड़ ने मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर जन जागृति के लिए मानसिक स्वास्थ्य प्रदर्शनी का आयोजन किया। जिसमें बच्चों महिलाओं ने मानसिक बीमारियों की जानकारी ली। डॉ. अरविंद बारड़ ने लोगों को मिथ्या धारणा वैज्ञानिक तथ्य की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मौजूदा हालात को देखते हुए 2020 तक ह्रदय रोग के बाद सबसे ज्यादा मानसिक रोग के मरीज हो जाएंगें।
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