जयपुर। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उपकप्तान स्मृति मंधाना ने कहा है कि नंबर-1 बल्लेबाज बनने के बारे में सोचने के बजाय उनका ध्यान इस बात पर ज्यादा रहता है कि कैसे टीम की जीत में अपना योगदान दिया जाए। मंधाना ने कहा कि मैंने कभी नंबर-1 बल्लेबाज बनने के बारे में नहीं सोचा। मैं हमेशा यह सोचती हूं कि कैसे मैं टीम के लिए मैच जिता सकती हूं और टीम की जीत में मैं किस तरह से अपना योगदान दे सकती हूं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मैं चीजों को सरल बनाना पसंद करती हूं और इसमें सुधार करना पंसद करती हूं। आईसीसी ने पिछले साल मंधाना को वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेटर और वर्ष की सर्वश्रेष्ठ वनडे महिला बल्लेबाज का पुरस्कार प्रदान किया था। उपकप्तान का मानना है कि 2017 में इंग्लैंड में हुए विश्व कप में भारत का फाइनल तक पहुंचना महिला क्रिकेट का सबसे अच्छा समय रहा है।
उन्होंने कहा कि एक महिला क्रिकेटर के लिए यह सबसे अच्छा समय है। दो साल पहले जब वहां एक छोटा सा टेलीविजन कवरेज था और हमारे पास अच्छे अनुबंध नहीं थे। लेकिन 2017 विश्व कप के बाद से स्थिति बदली है। कई सारी लड़कियां क्रिकेट को एक पेशेवर तरीके से ले रही है और युवा खिलाडिय़ों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने का आईपीएल एक अच्छा मंच होगा।
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