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जयपुर । भारतीय सीमा शुल्क के अनुसार वैश्विक व्यापार के चार आधार स्तम्भ हैं - वस्तुएं, सेवाएं, धन एवं लोग, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुविधाजनक बनाने और इसे बढ़ावा देने के लिए एटीए कार्नेट परेशानी मुक्त अस्थायी आयात में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कहना था भारत सरकार के विशेष सचिव एवं सदस्य (सीमा शुल्क), सीबीआईसी, प्रणब कुमार दास का। वे जयपुर के होटल जय महल पैलेस में आयोजित वर्ल्ड एटीए कार्नेट काउंसिल मीटिंग के उद्घाटन समारोह में मुख्य भाषण दे रहे थे।
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यह मीटिंग डब्लूएटीएसी, पेरिस और फैडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यु के सैंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टेक्सेज एंड कस्टम्स (सीबीआईसी) के सहयोग से की जा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि सीबीआईसी की पेपरलेस एक्सपोर्ट एवं इम्पोर्ट क्लेरेनेस और डिजीटल कस्टम्स जैसी पहल के माध्यम से भारत देश ने सीमा पार व्यापार में 66 स्थान और व्यापार करने में आसानी के संदर्भ में 23 स्थान की छलांग लगाई है। वर्तमान में विश्व स्तर पर 78 देशों में मान्यता प्राप्त एटीए कार्नेट के अनेक लाभ हैं, जिनमें सीमा शुल्क के दस्तावेजीकरण एवं शुल्क भुगतान से मुक्ति, माल निकासी की शीघ्र मंजूरी और ट्रान्जैक्शन टाईम और लागत में कमी आना महत्वपूर्ण लाभ हैं।
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