• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

जयपुर में यूडी टैक्स कलेक्शन पर बवाल, नगर निगमों के टारगेट चौपट, लोग परेशान

Uproar over UD tax collection in Jaipur, targets of municipal corporations shattered, people upset - Jaipur News in Hindi

स्वायत्त शासन निदेशालय स्पैरो कंपनी पर पेनल्टी लगाने के बजाय नया टेंडर देने पर तुला
जयपुर। प्रदेश की राजधानी जयपुर में नगरीय विकास कर (य़ूडी) टैक्स कलेक्शन में लगी कंपनी स्पैरो सॉफ्टटैक प्राइवेट लिमिटेड की ओऱ से लोगों को दिए जा रहे टैक्स बिलों को लेकर बवाल मचा हुआ है। समान प्रकृति वाले भवनों पर कहीं कामर्शियल तो कहीं औद्योगिक दर से टैक्स लगाया जा रहा है। बिलों में मौके पर ही आमूलचूल बदलाव किए जा रहे हैं। न नियमों का ध्यान रखा जा रहा है और न ही मौका स्थिति का। इससे नगर निगम जयपुर ग्रेटर और नगर निगम हैरिटेज के रेवेन्यू लक्ष्य तो चौपट हो ही रहे हैं। साथ ही लोग भी काफी परेशान हैं।
नगर निगम सूत्रों के मुताबिक कंपनी के कर्मचारी मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं। ऊपर से स्वायत्त शासन निदेशालय के अफसर कंपनी पर इस कदर मेहरबान हैं कि राजस्व शाखा के कर्मचारियों के प्रयासों से टैक्स की जो राशि निगमों में जमा हो रही है, उसे भी कंपनी के खातों में डालकर टारगेट पूरे करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जबकि वित्तीय टारगेट पूरे नहीं होने पर कंपनी पर पेनल्टी लगाई जानी चाहिए। इतना ही नहीं अब उसे नया टेंडर और देने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए भी भारत सरकार की गाइड लाइन के विपरीत टेंडर की शर्तों में बदलाव किए जा रहे हैं।
टैक्स बिलों से परेशान लोगों ने बताया कि चौड़ी सड़क पर भी वहां की डीएलसी के बजाय छोटी सड़क की डीएलसी दर लगाकर चहेतों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। फोर और फाइव स्टार होटलों की दरें व्यावसायिक के बजाय औद्योगिक लगा दी गईं। जेएलएन मार्ग पर भी समान प्रकृति वाले दो भवनों का अलग-अलग उपयोग दर्शाकर उनमें से एक की दर कामर्शियल लगाई जबकि उसी के बगल वाली बिल्डिंंग की दर औद्योगिक लगा दी गई। बता दें कि सुविधा शुल्क लेकर मौके पर टैक्स बिलों में हेराफेरी करने के कारण इस कंपनी के कुछ कर्मचारी पिछले दिनों पकड़े भी जा चुके हैं।
टैक्स कलेक्शन टारगेट बढ़ाने के बजाय घटायाः
नगर निगम ग्रेटर के बजट दस्तावेज के मुताबिक वर्ष 2020-21 के लिए यूडी टैक्स कलेक्शन का टारगेट 135 करोड़ रुपए रखा गया था। जबकि वास्तव में यूडी टैक्स कलेक्शन 71. 36 करोड़ रुपए हो पाया। इसी वित्तीय वर्ष में नगर निगम हैरिटेज का यूडी टैक्स कलेक्शन टारगेट 90 करोड़ रुपए था। जबकि वास्तविक टैक्स कलेक्शन 26.48 करोड़ रुपए ही हो पाया। अब वर्ष 2021-22 और वित्तीय वर्ष 2022-23 की स्थिति तो इससे भी खराब है। कंपनी को पेनल्टी ना चुकानी पड़े, इसलिए टारगेट ही घटा दिए गए हैं। जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से विधानसभा में पेश बजट के मुताबिक टैक्स कलेक्शन और टैक्स देने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वैसे भी जयपुर शहर की आबादी और संपत्तियों में इजाफा ही हुआ है।
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि यूडी टैक्स कलेक्शन के लक्ष्य पूरे नहीं होने पर 5 प्रतिशत की दर से भारी-भरकम पेनल्टी लगाए जाने का प्रावधान है। लेकिन, कंपनी को बचाने के लिए स्वायत्त शासन निदेशालय के अफसर पिछले 3 साल से पेनल्टी लगाने के बजाय टारगेट ही कम करवा देते हैं। इसकी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से जांच कराए जाने की जरूरत है। ताकि वास्तविक स्थिति सामने आ सके।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

यह भी पढ़े

Web Title-Uproar over UD tax collection in Jaipur, targets of municipal corporations shattered, people upset
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: ud tax, municipal corporations, jaipur, rajasthan, ias jogaram, ias kunjilal meena, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, jaipur news, jaipur news in hindi, real time jaipur city news, real time news, jaipur news khas khabar, jaipur news in hindi
Khaskhabar Rajasthan Facebook Page:
स्थानीय ख़बरें

राजस्थान से

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

Copyright © 2023 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved