जयपुर। राजस्थान की सियासत में अब राम के साथ रावण भी आ गए हैं। प्रदेश की इस सियासी रामयण को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लिख रहे हैं। दरअसल केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राजनीति का रावण बताया तो जवाब में अशोक गहलोत ने भी कहा-मैं उन्हें राम भी कह दूं पर वो राम जैसा व्यवहार तो करे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को 'राजस्थान की राजनीति का रावण' बताया और लोगों से उनका कार्यकाल समाप्त कर 'राम राज्य' लाने का आह्वान किया। गुरुवार को चित्तौड़गढ़ में बीजेपी की जन आक्रोश रैली में शेखावत ने अपने भाषण के अंत में कहा, अगर आप राजस्थान में राजनीति के रावण (अशोक गहलोत) को समाप्त करना चाहते हैं, तो राजस्थान में राम राज्य लाने का संकल्प लें। शेखावत ने पेपर लीक, आरपीएससी में भ्रष्टाचार आदि मुद्दे उठाए।
इसके जवाब में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- ये मामला राम और रावण का नहीं है। मैं गजेंद्र सिंह शेखावत को राम कह दूंगा पहले वो राम जैसा व्यवहार तो करें। वो मुझे रावण कहे मुझे कोई दिक्कत नहीं है। हम उन्हें राम के रूप में मानेंगे पहले आप ईमानदारी दिखाकर गरीबों का पैसा लौटाओ।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा ने एक ट्वीट (हिंदी में) में कहा, गजेंद्र सिंह शेखावत का यह बयान घोर निंदनीय है। आप मुख्यमंत्री का अपमान नहीं कर रहे हैं बल्कि राजस्थान की जनता का अपमान कर रहे हैं जो अपने मुख्यमंत्री को बहुत प्यार और सम्मान देते हैं। मुख्यमंत्री जिस तरह प्रदेश को विकास की नई ऊंचाईयों पर ले जा रहे हैं और कमर तोड़ महंगाई से राहत दे रहे हैं, उसे भाजपा बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। हताशा साफ नजर आ रही है।
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