जयपुर। शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा है कि शिक्षकों को अब ग्रीष्मावकाश में प्रशिक्षण नहीं करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के प्रशिक्षण भी अब गैर आवासीय होंगे। प्रशिक्षण चालू शिक्षा सत्र में ही करवाए जांएगे। इसके लिए गाईड लाईन तैयार करने के लिए शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
डोटासरा ने बुधवार को शिक्षा विभाग की विशेष समीक्षा बैठक के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का प्रशिक्षण शिक्षकों की शिक्षण आवश्यकताओं, बच्चों के सीखने के स्तर में वृद्धि और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सभी स्तरों पर सुनिश्चित कराने को ध्यान में रखते हुए करवाए जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्रशिक्षण केवल खानापूर्ति के लिए नहीं होंगे, विद्यालयों में शिक्षा के स्तर में वृद्धि के हिसाब से इन्हें करवाया जाएगा ताकि प्रशिक्षण का लाभ समुचित रूप में विभाग को मिल सके।
शिक्षा राज्य मंत्री ने प्रदेश के जिला शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान ‘डाईट्स’ संस्थाओं को सुदृढ़ किए जाने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्हाेंने कहा कि पिछली सरकार में डाईट्स पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। अधिकांश डाईट्स बंद पड़ी रही, उनके संसाधन भी अनुपयोगी हो गए थे। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने यह तय किया है कि प्रदेश के जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थानों की समीक्षा की जाए। उन्हें मजबूत किया जाएगा और उन्हें शिक्षक प्रशिक्षण के उत्कृष्ट केन्द्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। इनमें शिक्षकों को भी जल्द लगाया जाएगा ताकि वे अपने मूल कार्य शिक्षक प्रशिक्षण के प्रभावी केन्द्र फिर से बन सके।
डोटासरा ने कहा कि स्टाफिंग पैटर्न की पिछले चार साल में कोई समीक्षा नहीं की गयी। इससे शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात में गत सरकार में भारी गड़बड़ियां रहीं। राज्य सरकार ने स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा की पहल की है। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि प्रदेश के विद्यालयों में छात्र संख्या की अनुपात में शिक्षकों के स्थानान्तरण और पदस्थापन हों।
शिक्षा राज्य मंत्री ने बैठक में जन-घोषणा पत्र के अंतर्गत शिक्षा क्षेत्र के लिए की गयी घोषणाओं की पालना की भी समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जन अपेक्षाआें और विभागीय जरूरतों के हिसाब से जन घोषणा पत्र के बिन्दुओं की त्वरित पालना की जाए। उन्होंने विद्यालय क्रमोन्नयन, आवश्यकतानुसार पंचायत समितियाें में नए विद्यालय खोले जाने और वहां पर शिक्षकों के पद भरने संबधित प्रस्ताव भी तैयार कर उन पर कार्यवाही किए जाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।
डोटासरा ने विद्यालयाें में कम्प्यूटर शिक्षा की स्थिति की भी बैठक में समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयो में आईसीटी लैब स्थापित हैं, उन्हें सुचारू किया जाएगा। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि प्रत्येक विद्यालय में समय और विद्यार्थियों की अध्ययन आवश्यकताओं के अनुसार कम्प्यूटर शिक्षण की प्रभावी व्यवस्था हो। उन्होंने अधिकारियाें को निर्देश दिए कि कम्प्यूटर शिक्षक सभी विद्यालयों में हो, इसकी समूचित व्यवस्था की योजना बनाकर उसका क्रियान्वयन किया जाए।
शिक्षा राज्य मंत्री ने विद्यालयों में नामांकन वृद्धि, विद्यालयों में शिक्षा के स्तर मे वृद्धि के लिए भी विशेष प्रयास किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में मांग के अनुसार विद्यार्थियों के लिए विषय संकाय हो, इसे भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जहां विज्ञान संकाय स्वीकृत है वहां पर कृषि विषय के अध्ययन की भी व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने शिक्षकों के सम्मान का दायरा बढ़ाए जाने, उन्हें प्रोत्साहित किए जाने आदि के संबंध में भी पूर्व में लिए गए निर्णयों की पूर्ण पालना किए जाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।
डोटासरा ने कहा कि राज्य के विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सरकार की प्राथमिकता है। प्रदेश के विद्यालय शिक्षा के उत्कृष्ट केन्द्र बनें, इसके लिए अधिकारी सभी स्तरों पर प्रयास करें। उन्होंने विभागीय योजनाओं के भी प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए।
लालू की 'फिरकी' में फंसी कांग्रेस, कन्हैया, पप्पू, निखिल 'आउट'
पांच डॉक्टरों के पैनल ने किया अंसारी का पोस्टमार्टम,गाजीपुर में होगा सुपुर्द-ए-खाक
पीएम मोदी ने बिल गैट्स को दिए अच्छी जीवन शैली के मंत्र,यहां पढ़े
Daily Horoscope