जयपुर। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान ने राजस्थान के किसानों की
तकदीर सँवारने और खेतोें की तस्वीर बदलने में अहम् भूमिका का निर्वाह किया
है। किसानों को खेती-बाड़ी में सिंचाई के लिए पानी की
पर्याप्त सुविधा मिलने के बाद अब काश्तकारों की माली हालत में सुधार हुआ है
और खेत-खलिहान समृद्ध होने लगे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की सोच के अनुरूप प्रदेश भर में यह अभियान बहुआयामी
खुशहाली की बुनियाद मजबूत करने में जुटा हुआ है और अब तक के चरणों में जो
उपलब्धियां हासिल हुई हैं वे आशातीत और प्रदेश के चहुँमुखी विकास की दिशा
मेंं ऎतिहासिक उन्नति लाने वाले शुभ संकेत कहे जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री
जल स्वावलम्बन अभियान ने प्रदेश के भीलवाड़ा जिले में किसानों की खुशहाली
के द्वार खोले हैं और अब सुखद-सकारात्मक बदलाव आने लगा है।जिले
की सुवाणा पंचायत समिति अन्तर्गत दुडिया ग्राम पंचायत के सायला गांव के
किसान नानुराम रेगर के लिए मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन योजना वरदान
साबित हुई। कुल एक हैक्टर भूमि के स्वामी नानुराम के पास सिंचाई के
लिए एकमात्र कुआ ही सहारा था जिसमें विद्युत पम्पसेट लगाकर वह परंपरागत ढंग
से खेती-बाड़ी करता रहा। अपने खेत में कुल सिंचित क्षेत्र 0.4 हैक्टर में
सिंचाई के लिए उसे 30 घण्टे तक सिंचाई करनी पड़ती थी। ऎसे में उसे लगभग 900
रुपए मजदूरी पर खर्च करना पड़ता था। और इतना खर्च तथा मेहनत करने के बावजूद
उत्पादन में 8 क्विंटल प्रति हैक्टर के हिसाब से मात्र 28 हजार रुपए ही
आमदनी हो पाती थी।
काश्तकार नानूराम लम्बे समये
इस बारे में सोच ही रहा था कि उसके खेत में ऎसा कुछ करे कि जिससे सिंचाई
सुविधा का विस्तार हो और उत्पादन भी बढ़े। इसी दौरान उसे कृषि विभाग की ओर
से जानकारी मिली की मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत उसे लाभ
प्राप्त हो सकता है।
गत वित्तीय वर्ष में उसने
इस अभियान के अन्तर्गत अनुदान पर सिंचाई पाईप लाईन लगवाई। इसके बाद से उसे
सिंचाई सुविधा में बढ़ोतरी का लाभ मिला । श्री नानुराम बताते हैं कि
परंपरागत सिंचाई विधि की बजाय पाईप लाईन के माध्यम से सिंचाई से उसके खेत
की उत्पादकता बढ़ी और हर दृष्टि से फायदा मिला है। अब 0.6 हैक्टर क्षेत्र
में कुल 16 घण्टे ही सिंचाई करनी पड़ती है और मजदूरी भी लगभग 480 रुपए की
बैठती है।
पहले ही वर्ष में नानूराम के खेत
में उत्पादन बढ़ा और 12 क्विंटल उत्पादन हुआ। फसल से उसकी आमदनी में अब 43
हजार रुपए का फायदा हुआ। पाईप लाईन के जरिये सिंचाई सुविधा में बढ़ोतरी के
बाद अब काश्तकार नानुराम खुश है और कहता है कि एमजेएसए ने उसकी कई
समस्याओं को दूर कर खुशहाली दे डाली है और अब उसे खेती-बाड़ी में अच्छा
फायदा हो रहा है।
भीलवाड़ा जिले में बहुत से
किसान हैं जिनके लिए मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान भाग्य सँवारने वाला
सिद्ध हो रहा है। अभियान ने किसानों के लिए सिंचाई सुविधाओं में व्यापक
विस्तार किया और इस वजह से खेतों में पानी की पिलाई आसान होने से काश्तकार
मालामाल होने लगे हैं।
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