जयपुर। देश के अग्रणी शैक्षिक संस्थानों के लंबित मामलों के निस्तारण के लिए शुक्रवार को सचिवालय के कॅान्फ्रेंस हॉल में मुख्य सचिव डी बी गुप्ता की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा है कि राज्य में स्थित देश के अग्रणी शैक्षिक संस्थानों के विभिन्न विभागों के साथ संबंधित सभी मामलों को शीघ्र हल किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी संस्थानों तथा विभागों में समन्वय तथा प्रभावी मॉनीटरिंग के लिए आयोजना विभाग को नोडल विभाग घ बनाया गया है। साथ ही सभी संस्थान अपने लंबित मामलों को आयोजना विभाग से अवगत कराएंगे।
उन्होंने कहा कि संस्थानों के लंबित मामलों के निराकरण के लिए आयोजना विभाग संबंधित जिला कलेक्टर तथा विभागीय अधिकारियों से समन्वय बनाएंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इन संस्थानों के मामलों को सुलझाने के लिए प्रति तीन माह में समीक्षा बैठक आयोजित करेंगे। साथ ही आयोजना विभाग द्वारा हर तीन माह बाद स्टेटस रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भिजवाई जाएगी।
बैठक में राज्य में स्थित देश के सभी अग्रणी संस्थान जैसे एमएनआईटी, जयपुर, आई आई टी, जोधपुर, आई आई टी कोटा, आई आई एम, उदयपुर, एन आई एफ टी, जोधपुर काजरी, जैसलमेर सहित लगभग 17 अग्रणी संस्थानों के विभागाध्यक्षों ने भाग लिया तथा अपने संस्थान से संबंधित लंबित प्रकरण बैठक में रखें, जिस पर संबधित विभाग के अधिकारियों ने जवाब दिये।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग, सुबोध अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव, आयोजना अभय कुमार, प्रमुख शासन सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता अखिल अरोडा, प्रमुख शासन सचिव, पीएचईडी श्री संदीप वर्मा, जयपुर विकास प्राधिकरण, आयुक्त टी. रविकांत, उच्च शिक्षा, सचिव शुचि शर्मा सहित संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
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