जयपुर। जयपुर मारवाड़ी इंटरनेशनल फेडरेशन के संस्थापक महासचिव सीए विजय गर्ग ने बताया कि, श्री गीता जयंती 11 दिसंबर को मनाई जाएगी, इस अवसर पर हाल ही में परम पूज्य गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने मारवाड़ी इंटरनेशनल फेडरेशन के कार्यालय में पधार कर पुस्तक का विमोचन किया एवं संस्था के कार्यकलापों की जानकारी ली इस अवसर पर जिओ गीता के राष्ट्रीय महासचिव प्रदीप मित्तल ने बताया कि मारवाड़ी इंटरनेशनल फेडरेशन कैसे 45 से अधिक देशों में प्रवासी राजस्थानियों को सामाजिक एक व्यापारिक दृष्टि से जोड़ने के लिए बनाई गई संस्था है एवं संस्था के द्वारा किए गए कार्यक्रमों की जानकारी उपलब्ध कराई।
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कार्यक्रम के दौरान स्वामी दयानंद महाराज ने जिओ गीता के माध्यम से विश्व भर में गीता के प्रचार प्रसार के कार्यक्रमों की जानकारी दी एवं कहा कि मारवाड़ी इंटरनेशनल फेडरेशन अगर सहयोग करें तो गीता जयंती 11 दिसंबर को प्रातः 11:00 बजे 1 मिनट का सामूहिक गीता पाठ कर गीता को भारत की विश्व की प्रमुख पुस्तक बनाने का प्रयास किया जाएगा एवं यह भी प्रयास किया जाएगा की भागवत गीता को राष्ट्रीय पुस्तक के रूप में घोषित किया जाए।
संस्था के महासचिव गर्ग ने स्वामी ज्ञानानंद महाराज एवं जिओ गीता के पदाधिकारी को आश्वासन दिया एवं वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से 45 से अधिक देश में रह रहे प्रवासी राजस्थानी जो संस्था के सदस्य हैं उनके साथ विचार विमर्श कर निर्णय लिया कि आगामी 11 दिसंबर को प्रातः 11:00 बजे 1 मिनट का गीता पाठ सामूहिक रूप से किया जाएगा एवं संस्था के सदस्य राजस्थान के प्रत्येक जिले एवं भारत के सभी प्रदेशों में फैले हुए हैं और 500 से अधिक स्थानों पर संस्था के सदस्य हैं तो जिओ गीत एवं मारवाड़ी इंटरनेशनल फेडरेशन के माध्यम से विश्व भर में 1000 से अधिक स्थानों पर सामूहिक गीत पाठ कर विश्व के कल्याण की कामना एवं विश्व शांति की कामना की जाएगी। यह भी निर्णय लिया गया विभिन्न राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के माध्यम से यह प्रयास किया जाए की गीता को राष्ट्रीय पुस्तक के रूप में घोषित किया जाए।
पूज्य गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने बताया कि ,भगवत गीता भावी पीढ़ी में सुसंस्कार, युवाओं में सकारात्मक एवं रचनात्मक नव ऊर्जा का संचार, समूचा विश्व एक परिवार के साथ सर्वज्ञ सुख समृद्धि पर्यावरण शुद्ध एवं राष्ट्र गौरव वृद्धि को समर्पित करना सीखना है। इस अवसर पर महाराज जी ने बताया की, किस तरीके से विश्व भर में मानवता एक चुनौती के रूप में देखी जा रही है एवं युवा संस्कार विहीन होने के साथ-साथ नकारात्मक सोच के साथ कार्य कर रहे हैं, लेकिन भागवत गीता में मानवता की चुनौती को लेकर एवं सकारात्मक सोच के सभी युक्तियुक्त उपाय दिए गए हैं जिससे युवा अपनी सोच को सकारात्मक कर समाज एवं देश को उचित मार्ग प्रशस्त कर सकें।
इस अवसर पर जिओ गीता के राष्ट्रीय महासचिव प्रदीप मित्तल, योगी मनीष, डीपी गुप्ता एवं किशन पाठक ने भी अपने विचार रखे।
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