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जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि महाराजा सूरजमल जी देश के गौरव हैं। उन्होंने देश के सम्मान को बढ़ाने का काम किया है। वे देश के लिए ज्योतिपुंज हैं जिनके प्रकाश में हम सुशासन की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। उनके शासन के दौरान सभी लोगों को समान अधिकार प्राप्त थे। हमारी सरकार भी महाराजा सूरजमल के व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर प्रदेश में सभी को समान अधिकार और सम्मान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है।
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शर्मा सोमवार को महाराजा सूरजमल जी के 260वें बलिदान दिवस पर आयोजित पुष्पांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि महाराजा सूरजमल जी के कार्यों और सिद्धान्तों के अनुरूप समाज के कमजोर तबके को सशक्त बनाया जाए और प्रदेश के सभी लोगों को न्याय सुनिश्चित हो।
लोहागढ़ दुर्ग महाराजा सूरजमल के शोर्य का प्रतीक
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराजा सूरजमल की महानता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके द्वारा निर्मित लोहागढ़ दुर्ग को कभी कोई भेद नहीं पाया। इस किले पर कई आक्रमण हुए लेकिन यह भारत का एकमात्र अजेय दुर्ग है। महाराजा सूरजमल भी जिंदगीभर अजेय रहे तथा अनेक युद्ध लड़े और सभी युद्धों में अपनी वीरता और शौर्य से विजय प्राप्त की।
न्यायप्रिय शासक थे महाराजा सूरजमल शर्मा ने कहा कि राजा सूरजमल ऐसे महान व्यक्तित्व थे जिनमें सभी सद्गुणों का समावेश था तथा वे वीर, धीर, गंभीर, उदार, दूरदर्शी और न्यायप्रिय शासक थे। वे न सिर्फ एक पराक्रमी योद्धा थे बल्कि एक दयालु शासक भी थे, जो हमेशा जरूरतमंदों लोगों की सहायता हेतु तत्पर रहते थे। वे भारतीय संस्कृति के सच्चे प्रतीक थे, जो मेल-मिलाप, सहअस्तित्व और समावेशी सोच को बढ़ावा देते थे। उनके शासन के दौरान सभी को सम्मान व उनकी सुरक्षा का ख्याल रखा जाता था।
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