जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि चुनाव आयोग का कांग्रेस नेता और महासचिव जयराम रमेश से उनके आरोप के संबंध में प्रमाण मांगना समझ से परे है। क्योंकि किसी भी राजनीतिक दल के नेता को जो फीडबैक मिलता है उसी के आधार पर आरोप लगाये जाते हैं।
गहलोत ने कहा कि इस प्रकरण में एआईसीसी के महासचिव जयराम रमेश ने अपने फीडबैक के आधार पर सीधे गृहमंत्री अमित शाह पर आरोप लगाया है। यदि ये आरोप झूठा है तो गृहमंत्री को स्वयं इसका खण्डन करना चाहिए था, इसके बजाय चुनाव आयोग द्वारा जयराम रमेश से प्रमाण मांगना एक नई परिपाटी की शुरूआत है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह इस मसले पर चुप हैं इसका मतलब उनकी मौन स्वीकृति है। चुनाव आयोग द्वारा प्रमाण मांगने के मायने यह है कि अगर किसी जिला चुनाव अधिकारी द्वारा फीड बैक मिला है तो जयराम रमेश उसका नाम क्यों बतायेंगे, क्योंकि यह अधिकारी के भविष्य का सवाल है। चुनाव के दौरान इतने आरोप-प्रत्यारोप लगाए जाते हैं, अब तक चुनाव आयोग ने कितनों को नोटिस दिया है।
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